शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा का बिल्डर बेटा मोंटी गिरफ्तार
नोएडा में लोगों का पैसा लेकर उन्हें फ्लैट उपलब्ध ना कराने के आरोप में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा के बिल्डर बेटे मनप्रीत उर्फ मोंटी चड्ढा को गिरफ्तार किया है. उसे आज अदालत में पेश किया जाएगा. उस पर बिल्डर बनकर लोगों को फ्लैट न उपलब्ध कराने और उनसे धोखाधड़ी के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि गाजियाबाद और नोएडा में फ्लैट बुक कराने के बाद भी लोगों को उनके फ्लैट न मिलने से वे कई महीनों से परेशान हैं. इसे लेकर उन्होंने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया है.
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नामी शराब कारोबारी और बिल्डर पोंटी चड्डा के बेटे मोंटी उर्फ मनप्रीत सिंह चड्डा को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है. वो थाईलैंड जाने की फिराक में था.
मोंटी और उसके परिवार के कई लोगों और उसकी कंपनी के निदेशकों और कर्मचारियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 2018 में 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोप में केस दर्ज किया था. दरअसल 2005-06 में चड्डा परिवार गाज़ियाबाद में बड़ी टाउनशिप बनाने के लिए वेवसिटी नाम का एक बड़ा प्रोजेक्ट लेकर आया. ग्राहकों से बताया गया कि ये 1500 एकड़ में फैला होगा. इसमें स्कूल, स्वीमिंग पूल, क्लब, अस्पताल और हेलिपैड जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी.
ये भी कहा गया कि प्लॉट का कब्जा 8 महीने में जबकि घर 18 महीने के अंदर मिल जाएगा. सैकड़ों लोगों ने इस सपनों के शहर में घर पाने के लिए करोड़ों रुपये दे दिए. कंपनी की तरफ से कहा गया कि सरकार ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है और मास्टर प्लान भी बनकर तैयार है. लेकिन 2011 तक जब वहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ तो लोगों ने मोंटी की कंपनी से जुड़े लोगों को घेरना शुरू किया. आरोप है कि कंपनी में बाउंसर रख लिए गए जिससे लोग किसी से मिल न पाएं
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक आज भी जहां वेवसिटी बननी थी, वहां जानवर करते हैं और किसान खेती कर रहे हैं. पता चला है कि ऐसा कोई प्रोजेक्ट सरकार से अप्रूव ही नहीं हुआ है. एफआईआर में एम/एस उपल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, हरमनदीप सिंह कंधारी, राजेन्द्र सिंह चड्ढा, मनप्रीत सिंह चड्ढा उर्फ मोंटी चड्ढा, गुरजीत सिंह कोचर और कृतिका गुप्ता को आरोपी बनाया गया है.
शिकायतकर्ता के मुताबिक गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी ने साल 2003 में हाईटेक सिटी डेवलेप करने के लिए एक योजना निकाली थी. इसमें प्राइवेट बिल्डर्स को निमंत्रण दिया गया था. इसके बाद साल 2005 में आरोपियों ने अपनी कंपनी उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर अखबारों में विज्ञापन दिए. हाईटेक टाउनशिप में अपने प्रोजेक्ट में बुकिंग के लिए डिस्काउंट ऑफर किए. इनके प्रोजेक्ट के नाम रोजवुड एन्क्लेव और सन्नीवुड एन्क्लेव, लाइम वुड एंक्लेव और क्रेस्ट वुड एनक्लेव थे, जोकि गाजियाबाद के सेक्टर 7, 15, 16 और 17 में बनने थे.
इन प्रोजेक्ट में 8 महीनों के अंदर प्लॉट दिए जाने का वादा किया गया था. लेकिन करीब 11 साल बाद भी 65 से 85 परसेंट रकम लेने के बाद कोई पोसेशन नही दिया गया. आरोपों के मुताबिक मोंटी चड्ढा ने इस तरह 100 करोड़ से भी ज्यादा की धोखाधड़ी की है. आरोपों के मुताबिक इस कंपनी के डायरेक्टर्स ने कुछ समय बाद ही बायर्स की मेहनत की कमाई को अपनी नई कंपनी एम/एस वेव सिटी एनएच 24 में ट्रांसफर कर दिया था.
बता दें कि शराब कारोबारी पोंटी चडढ़ा की 2012 में संपत्ति के विवाद में दिल्ली में गोली मारकर हत्याकर दी गई थी. उनके साथ उनके भाई हरदीप की भी हत्या की गई थी. दिल्ली के छतरपुर स्थित पॉन्टी के फॉर्महाउस में अचानक से चार-पांच हमलावर पहुंचे थे और वहां अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. यहां प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर फार्म हाउस पर एक बैठक बुलाई गई थी.