इस एक न्यूज ने उड़ा दी 2000 से अधिक निवेशकों की नींद, फ्लैट मिलने की उम्मीद टूटी
कंपनी के निदेशक और वेव ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट मोंटी चड्ढा की दिल्ली में गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही हजारों निवेशकों की नींद उड़ गई है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में वेव ग्रुप से संबंधित लगभग 500 से भी ज्यादा याचिकाएं लंबित हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। मोंटी की गिरफ्तारी के बाद निवेशकों की उम्मीदें और भी क्षीण हो गई हैं। मोंटी चड्ढा के वकील के कोर्ट में नहीं आने के कारण अब सोमवार को जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
यूपी रेरा सूत्रों के मुताबिक वेव ग्रुप से संबंधित अब तक जितने भी मामलों में सुनवाई हुई है, उनमें से अधिकांश में बिल्डर प्रतिनिधि अनुपस्थित ही रहा है। उपस्थिति के दौरान भी बिल्डर पक्ष निवेशकों को कब्जे व रिफंड दिलाने को लेकर कोई ठोस योजना प्रस्तुत नहीं कर सका है। अब क्योंकि बिल्डर ही जेल में है तो वेव ग्रुप में फंसे निवेशकों की पूरी उम्मीदें रेरा पर आकर टिक गई हैं। मोंटी की अगुआई वाले वेव ग्रुप की नोएडा व दादरी में कई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनमें लगभग दो हजार से ज्यादा निवेशक फंसे हुए हैं।
मोंटी चड्ढा के करीबियों पर भी हो सकती है कार्रवाई
हाईटेक डेवलपर्स कंपनी द्वारा गाजियाबाद में प्रस्तावित हाईटेक सिटी में प्लॉट देने के नाम पर निवेशकों से करोड़ों की ठगी के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच जारी है। इस मामले में पुलिस ने कंपनी के निदेशक और वेव ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट मोंटी चड्ढा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मामले में अन्य आरोपितों सहित मोंटी चड्ढा के करीबियों की संलिप्तता की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक कंपनी के दो करीबियों की भूमिका संदेह के दायरे में है। उन पर कार्रवाई संभव है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने मोंटी से इस संबंध में पूछताछ की। इसमें उसने कुछ बातें बताईं और बाकी जानकारी अदालत में देने की बात कही। मोंटी से जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर पुलिस फिलहाल जांच में जुटी है। यह पता लगाया जा है कि निवेशकों की रकम किन-किन खातों के जरिये जमा की गई और उसे कहां-कहां और किस किस मद में उसे खर्च किया गया। कंपनी के तीन से चार खातों के आधार पर रुपये के लेनदेन का पता आर्थिक अपराध शाखा लगा रही है। इस मामले में कंपनी से जुड़े करीब सात मुख्य पदाधिकारियों सहित अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत की गई थी। इसके बाद पुलिस ने पांच को दोषी मानकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
फिलहाल पुलिस टीम इससे जुड़े दस्तावेजों और आरोपित के करीबियों की भूमिका की जांच कर रही है। उधर मोंटी की गिरफ्तारी के बाद कंपनी निवेशकों की रकम को लौटाने की कवायद में जुट गई है। पुलिस की मानें तो मामला अदालत और कई निवेशकों से जुड़े होने के कारण तमाम कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत अदालत के संज्ञान में होगी। ईओडब्ल्यू ने निवेशकों से करोड़ों की ठगी में रियल स्टेट कारोबारी मोंटी चड्ढा उर्फ मनप्रीत सिंह चड्ढा को बुधवार को आइजीआइ एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था।
आरोपित रियल एस्टेट और शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा का बेटा है। महरौली में चड्ढा बंधुओं की गोलीबारी में पोंटी की मौत हो गई थी। मोंटी चड्ढा पर प्लॉट के नाम पर वर्तमान में 29 निवेशकों से साढ़े छह करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। उसने 1500 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित हाईटेक सिटी में लोगों को प्लॉट दिलाने का झांसा दिया था। इस मामले में चार आरोपित अभी भी फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।