हिंदुओं के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने पर जाकिर नाईक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
हिंदुओं के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी के आरोप में घिरे विवादित धार्मिक उपदेशक जाकिर नाईक पर मलेशिया के राज्य मेलाका ने धार्मिक भाषण देने पर प्रतिबंध लगा दिया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक मेलाका के मुख्यमंत्री आदिली जाहरी ने कहा कि हम यहां सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं. इसलिए हमने जाकिर को यहां धार्मिक भाषण देने या लोगों को एकत्र करने पर पाबंदी लगा दी है. मेलाका इस तरह जाकिर पर पाबंदी लगाने वाला मलेशिया का सातवां राज्य हो गया है. इससे पहले जोहोर, सेलांगोर, पेनांग, केदाह, परलिस और सरावाक राज्य अपने यहां जाकिर के धार्मिक भाषण देने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.
पुलिस भेजेगी समन
इस बीच भारत से भागकर मलेशिया में रह रहे विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक से नस्लीय टिप्पणी के आरोप में मलेशियाई सरकार की एजेंसी पूछताछ करेगी. इस सिलसिले में उसको समन भेजा जाएगा. जाकिर ने हाल में मलेशिया के मुस्लिम बहुल होने के बावजूद हिंदुओं के पास ढेर सारे अधिकार होने की बात कही थी. दरअसल जाकिर ने कहा कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में 100 गुना अधिक अधिकार मिले हैं. इस नस्लीय टिप्पणी का भारतीय समुदाय ने सख्त विरोध किया था. इसे आपसी भाई-चारे, सौहार्द और समानता के अधिकार के खिलाफ टिप्पणी के रूप में देखा गया.
मलेशिया सरकार के कई मंत्रियों ने भी इस टिप्पणी पर ऐतराज जताया था. भारत में कथित आतंकी गतिविधियों और धनशोधन में वांछित विवादित मुस्लिम धर्म उपदेशक जाकिर नाइक द्वारा मलेशिया में रह रहे हिंदुओं को लेकर दिए गए सख्त आपत्ति जताते हुए मलेशियाई सरकार में मानव संसाधन मंत्री एम कुलासेगरन ने कहा था कि मलेशियाई हिंदुओं पर सवाल उठाने वाले जाकिर नाइक पर तुरंत एक्शन लिया जाए. भगोड़ा नाइक पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहा है.
कुलसेरगन ने बुधवार को जारी किए अपने एक बयान में कहा था, ‘जाकिर नाइक एक बाहरी व्यक्ति है, जो एक भगोड़ा है और उसे मलेशियाई इतिहास की बहुत कम जानकारी है, इसलिए, उसे मलेशियाई लोगों को नीचा दिखाने जैसा विशेषाधिकार नहीं दिया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा ‘जाकिर नाइक का यह बयान किसी भी तरह से मलेशिया के स्थायी निवासी होने के पैमाने पर खरा नहीं उतरता है. इसे अगली कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा.’
इसके बाद गृह मंत्री मुहाईद्दीन यासीन ने कहा कि नस्लीय टिप्पणी, झूठी खबर और जन भावनाएं भड़काने के आरोप में जाकिर नाइक और कई अन्य लोगों से पूछताछ की जाएगी. यासीन ने अपने बयान में कहा, ”मैं बाहरी नागरिकों समेत सभी पक्षों को ध्यान दिलाना चाहता हूं कि जो भी यहां के भाई-चारे के माहौल और शांति को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ मेरा मंत्रालय कानूनी कार्रवाई करने में जरा भी नहीं हिचकेगा.”
उल्लेखनीय है कि जातीय समूह और धर्म मलेशियाई समाज के लिए संवेदनशील मुद्दे हैं. 3.2 करोड़ की आबादी वाले मुल्क में बहुसंख्यक मलय मुस्लिमों की जनसंख्या तकरीबन 60 फीसद है. उसके बाद अल्पसंख्यक जातीय समूह चीनी और भारतीय हैं. भारतीयों में से अधिकांश हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
जाकिर नाइक
भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) नाइक के खिलाफ आतंकी गतिविधियों और धनशोधन के आरोपों की जांच कर रही है. एनआईए ने नाइक के खिलाफ आतंकरोधी कानून के तहत 2016 में पहला मामला दर्ज किया था. उसके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पाबंदी लगा दी गई. नाइक के खिलाफ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 2016 में हुए आतंकी हमले को लेकर भी जांच की जा रही है. आरोप है कि नाइक के भड़काऊ भाषणों से ही हमलावर प्रेरित हुए थे. अपने भड़काऊ भाषणों से युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने का आरोप लगने के बाद जाकिर 2016 में देश से फरार हो गया था.
भारत ने औपचारिक तौर पर मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का आग्रह किया था. लेकिन जुलाई में मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने साफ किया था कि उनकी सरकार नाइक के प्रत्यर्पण की भारत की मांग पर आसानी से अमल नहीं करेगी. नाइक को तब तक वापस भारत नहीं भेजा जाएगा जब तक वह उनके देश में परेशानी पैदा नहीं करता.