सोने में निवेश के लिए चुनें ये सरकारी स्‍कीम, सस्‍ता होने के साथ-साथ मिलेगा बेहतर रिटर्न

अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए सरकारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने का अच्छा मौका है। सरकारी गोल्ड बॉन्ड की नई सीरिज के लिए कीमत 3,890 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है। सरकारी गोल्ड बॉन्ड योजना 2019-20 की चौथी सीरिज 13 सितंबर यानी आजतक खुली है। सरकार ने उन निवेशकों को इश्‍यू प्राइस 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करेंगे या फिर डिजिटल माध्यम से पेमेंट करेंगे।

सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, 24K सोने की कीमत 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक है। दुनिया भर के निवेशकों ने सोने की ओर रुख कर लिया है, जिसने 2019 में अकेले 30% रिटर्न दिया है। अगर आप भी निवेश के बेहतर विकल्प की तलाश में हैं तो हम आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के बारे में बता रहे हैं।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों को सोने में पैसा निवेश करने का मौका मिलता है, लेकिन इसके लिए उन्हें फिजिकल फॉर्म में सोना रखने की जरूरत नहीं होती। स्कीम में निवेशकों को प्रति यूनिट गोल्ड में निवेश का मौका मिलता है, जिसकी कीमत इस बुलियन के बाजार मूल्य से जुड़ी होती है। बॉन्ड के मैच्योर होने पर इसे नकदी में भुनाया जा सकता है।

मेकिंग चार्ज जीएसटी नहीं देना होता: अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आपको मेकिंग चार्ज के अलावा जीएसटी देना होता है। आपको 3 फीसद जीएसटी गोल्ड के वैल्यू पर और 5 फीसद जीएसटी मेकिंग चार्ज पर देना होता है। वहीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश पर कोई जीएसटी नहीं देना होता है और यह फिजिकल फॉर्म में नहीं होता इसलिए आप मेकिंग चार्ज से भी बच जाते हैं।

इसमें निवेश के साथ बचत भी: सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गोल्ड बॉन्ड को डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर इसे अपने घर या डीमेट एकाउंट में भी रखा जा सकता है। इससे तरह लॉकर पर होने वाला खर्च भी बच जाएगा।

बेहतर रिटर्न: गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर अच्छा ब्याज मिलता है। इसमें ब्याज सहित सोने की कीमतों में आई तेजी के अनुसार रिटर्न भी मिलता है। इसमें निवेश करने से डीमैट और ईटीएफ जैसे कोई शुल्क नहीं लगाए जाते हैं। गोल्ड बॉण्ड की ब्याज दर 2.50 फीसद है। इस पर मिलने वाला ब्याज सोने के मौजूदा भाव के हिसाब से तय किया जाता है।

गोल्ड बॉन्ड की कीमतें सोने की कीमतों में अस्थिरता पर निर्भर करती है। सोने की कीमतों में गिरावट गोल्ड बॉण्ड पर नकारात्मक रिटर्न देता है। इसमें निवेश की अवधि 8 वर्ष होती है, लेकिन आप 5 वर्ष के बाद भी अपने पैसे निकाल सकते हैं। पांच वर्ष के बाद पैसे निकालने पर कैपिटल गेन टैक्स भी नहीं लगाया जाता है।

कहां से खरीद सकते हैं बॉन्ड: आधिकारिक जानकारी के अनुसार, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री अनुसूचित वाणिज्य बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और कुछ डाकघरों पर की जा रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्टॉक एक्सजेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) जैसे एक्‍सचेंजों से भी यह बॉन्ड खरीदा जा सकता है।

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