भारत के बाद अमेरिका में भी प्‍लास्‍टिक बैग पर रोक की मुहिम, एंकोरेज सिटी ने उठाया ये कदम

दुनिया में प्‍लास्‍टिक के कचरे का अंबार लगा हुआ है जो खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा। इसलिए भारत समेत कई देशों में प्‍लास्‍टिक को जड़ से खत्‍म करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अमेरिका के अलास्‍का की एंकोरेज सिटी शामिल हुई है। यहां प्‍लास्‍टिक के थैलों के इस्‍तेमाल पर सख्‍ती बरतते हुए रविवार को इसके इस्‍तेमाल पर रोक लगा दी गई। इसका ऐलान शहर के आधिकारिक वेबसाइट पर की गई।

सिंगल यूज प्‍लास्‍टिक थैलियों पर भी लगी रोक

यह प्रतिबंध शहर के सभी रेस्‍टोरेंट समेत रिटेल स्‍टोर्स पर भी लगाई गई है। एंकोरेज सिटी के नगर निगम द्वारा रविवार को जारी दिशानिर्देश के अनुसार, कॉमर्शियल गतिविधियों में इस्‍तेमाल की जाने वाली बायोडिग्रेडेबल प्‍लास्‍टिक थैलियों पर भी रोक लगा दी गई है क्‍योंकि हमारे जलवायु में यह अच्‍छे से खत्‍म नहीं होता।

विकल्‍प के तौर पर 10 सेंट में दी जाएंगी थैलियां

एंकोरेज नगर निगम की इस घोषणा के बाद बिजनेस व कस्‍टमर्स दोनों को ही प्‍लास्‍टिक की जगह जूट या कपड़े से बनी थैलियों का इस्‍तेमाल करना होगा। दुकानों या अन्‍य स्‍टोर्स पर अब प्‍लास्‍टिक के विकल्‍प के तौर पर कागजों या किसी अन्‍य मटीरियल से बनी थैलियां उपलब्‍ध कराई जाएंगी। साथ ही इन थैलों की कीमत मात्र 10 अमेरिकी सेंट होंगी।

पहली बार मिलेगी चेतावनी लेकिन उसके बाद…

बैन के तहत रिटेलर्स जो सिटी कोड का पहली बार उल्‍लंघन करेंगे उन्‍हें चेतावनी दी जाएगी, दूसरी बार उल्‍लंघन करने पर उनपर 250 डॉलर का जुर्माना होगा और तीसरी बार 500 डॉलर का जुर्माना लगेगा।

यहां कर सकते हैं प्‍लास्‍टिक का इस्‍तेमाल

प्‍लास्‍टिक के इस्‍तेमाल पर कुछ चीजों में छूट भी है- जैसे सब्‍जियां, बेकरी के सामानों, मीट, मछली या फ्रोजन फूड्स के लिए। एंकोरेज असेंबली में 28 अगस्‍त 2018 को इस पर वोटिंग की गई थी जो इस वर्ष 1 मार्च से प्रभावी होनी थी। लेकिन कुछ कंपनियों ने कहा कि उनके पास काफी अधिक मात्रा में प्‍लास्‍टिक बैग मौजूद है इसलिए बैन की तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी गई।

भारत में प्‍लास्‍टिक बैन

भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्लास्टिक से उत्‍पन्‍न होने वाले कचरे से होने वाले नुकसान के बारे में बताया और लोगों को इसके लिए जागरुक होने को कहा। उन्होंने सिंगल टाइम यूज प्लास्टिक (एक बार इस्‍तेमाल किया जाने वाले प्‍लास्‍टिक) पर भी रोक लगाने की बात कही।

थाइलैंड भी पीछे नहीं

थाइलैंड में भी प्‍लास्‍टिक कचरे को लेकर एक मामला सामने आया है। यहां की 12 वर्षीया बच्ची लिली अपना स्‍कूल छोड़ प्‍लास्‍टिक के बैग, बोतलों व केन को बैंकॉक की सड़कों से हटा रही है। बता दें कि समुद्र प्रदूषण में शामिल होने वाला थाईलैंड दुनिया में छठा सबसे बड़ा देश है।

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