एडवाइजरी जारी की गई – मेघालय में दुर्गा पूजा के दौरान ना हो प्लास्टिक का इस्तेमाल
मेघालय की केंद्रीय पूजा समिति (सीपीसी) ने राज्य की सभी दुर्गा पूजा समितियों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें उत्सव के दौरान प्लास्टिक के इस्तेमाल से दूर रहने को कहा है। अधिकारियों ने कहा कि 4 से 8 अक्टूबर तक राज्य भर में 200 से अधिक दुर्गा पूजाएं आयोजित की जा रही हैं। सीपीसी के अध्यक्ष नबा भट्टाचार्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के आह्वान पर समिति आगामी दुर्गा, काली और छठ पूजा के दौरान प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा, ‘दुर्गा पूजा समितियों को प्लास्टिक के कप, प्लेटों और बोतलों के इस्तेमाल को रोकने और बायोडिग्रेडेबल आइटम के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है। साथ ही, उनसे पंडालों को सजाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करने का भी आग्रह किया गया है।’ भट्टाचार्जी ने कहा कि उन्होंने शिलॉन्ग म्युनिसिपल बोर्ड से सभी पूजा पंडालों में प्लास्टिक संग्रह के लिए जगह का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि समिति ने प्रदूषण को रोकने के लिए अगले साल से नदियों में विसर्जित की जाने वाली मूर्तियों को सिर्फ डुबाकर बाहर निकालने का फैसला किया है। सीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष भी मूर्तियों को रंगने के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की प्रथा का पालन किया गया है। सीपीसी के महासचिव जे एल दास ने कहा कि राज्य की राजधानी में 66 सहित कुल 242 सामुदायिक दुर्गा पूजाएँ होंगी।
दास ने कहा कि सभी पूजा पंडाल सीसीटीवी की निगरानी में होंगे और उत्सव के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अधिकतम सुरक्षा होगी। उन्होंने कहा कि उत्सव की शुरुआत बुधवार को हुई, मुख्यमंत्री ने यहां शिलॉन्ग के सांसद विंसेंट पाला की मौजूदगी में एक बैठक को संबोधित किया। सीपीसी के महासचिव ने कहा कि समिति 8 अक्टूबर को त्यौहार समाप्त होने के बाद वाह उमखराह नदी के तट पर पोलो में विसर्जन घाट पर सफाई अभियान चलाएगी। दास ने कहा कि सीपीसी ने दुर्गा पूजा के शांतिपूर्ण आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन के साथ कई बैठकें की हैं।