लखनऊ में अब पॉलीथिन से बनेगी सड़क MP में पॉलीथिन से शुरू हुआ सीमेंट बनने का काम…

पर्यावरण के लिए खतरा मानी जाने वाली पॉलीथिन अब विकास कार्यो में भागीदार बनेगी। जिस पॉलीथिन को खपाने की चिंता सरकार से लेकर पर्यावरणविद को सता रहा थी, अब उसकी मांग हाथों -हाथ हो रही है। पॉलीथिन अब सिर्फ सड़क बनाने में ही उपयोगी नहीं हो रही है, बल्कि वह आने वाले समय में सीमेंट को भी और बाहुबली बनाएगी। मध्य प्रदेश की फैक्ट्री में यह प्रयोग शुरू हो रहा है, जिसके बाद जल्द ही इमारतों में उसकी छाप दिखेगी।

पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बाद समूचे उप्र में इसकी बंपर बरामदगी हुई। करीब 111 टन का आकड़ा पहुंच गया। पॉलीथिन जब्त तो कर ली, उसका किया जाए? यह बड़ा सवाल प्रशासन और सरकार के सामने था, जिसका तोड़ मिल गया है। करीब 450 टन पॉलीथिन मध्य प्रदेश की एक नामचीन सीमेंट फैक्ट्री को भेजी जा रही है। लखनऊ के साथ ही अयोध्या और बनारस से एक सप्ताह से पॉलीथिन मध्य प्रदेश को रवाना की गई है।

पॉलीथिन का कार्बन मजबूत बनाएगा सीमेंट : स्वच्छ भारत मिशन में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की उत्तर प्रदेश की प्रभारी भूमिका पुरी ने बताया कि पॉलीथिन में कार्बन होता है। इससे सीमेंट को मजबूती मिलेगी। मध्य प्रदेश की सीमेंट फैक्ट्री में पॉलीथिन मिलाकर इसका उपयोग भी किया जा चुका है। अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ से पॉलीथिन को मध्य प्रदेश की सीमेंट फैक्ट्री को भेजा जा चुका है। अभी 450 टन पॉलीथिन दी जा रही है। दरअसल, चार माह पूर्व प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 111 टन पॉलीथिन और उससे बने अन्य उत्पाद जब्त किए गए थे। उसके बाद से सरकार अभी तक कोई नीति नहीं बना सकी थी कि जब्त पॉलीथिन का करना क्या है।

ऐसे आ रही काम : लखनऊ में पॉलीथिन से करीब 30 किमी की सड़क बनाने का प्रयोग सफल हो चुका है। इसके साथ ही मथुरा नगर निगम ने पॉलीथिन को रिफायनरी को भेजा है, जहां से तैयार फ्यूल ऑयल का उपयोग जनरेटर चलाने में होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भी सड़क बनाने के लिए पॉलीथिन की मांग कर रहा है।

ऐसे हुई थी कार्रवाई : हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था। 12 विभागों को प्रतिबंधित प्लास्टिक, प्लास्टिक कैरी बैग, थर्माकोल से निर्मित कप, ग्लास, प्लेट, चम्मच जब्त करने का निर्देश दिया गया था। दो अक्टूबर से सिंगिल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई थी।

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