झारखंड क्रिकेट टीम ने फॉलोऑन मिलने के बाद मैच में जीत दर्ज की और इतिहास में दर्ज किया अपना नाम

रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के 85 वर्ष के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था जो कमाल झारखंड क्रिकेट टीम ने कर दिखाया। इस टूर्नामेंट में पहली बार किसी टीम को फॉलोऑन मिला और इसके बावजूद मैच जीतने वाली पहली टीम झारखंड बन गई। झारखंड के इस कमाल के बाद उसका नाम रणजी क्रिकेट टूर्नामेंट के इतिहास में दर्ज हो गया।

झारखंड और त्रिपुरा के बीच खेले गए मुकाबले में त्रिपुरा की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपने घरेलू मैदान पर 289 रन बनाए। पहली पारी में इसके जवाब में झारखंड की टीम 136 रन पर ऑल आउट हो गई। ग्रुप सी के इस मैच में त्रिपुरा के कप्तान मिलिंग कुमार ने झारखंड को दोबारा बल्लेबाजी करने को कहा। दूसरी पारी में भी झारखंड की हालत फिर से खराब हो गई और आधी टीम पवेलियन लौट गई थी। मैच पूरी तरह से त्रिपुरा के पक्ष में था, लेकिन झारखंड के बल्लेबाज इशांक जग्गी और सौरभ तिवारी के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।

पांच विकेट गिर जाने के बाद अब जिम्मेदारी इशांक और जग्गी पर थी और दोनों ने कुछ ऐसा कमाल कर दिया की मैच का पासा ही पलट गया। इशांक जग्गी ने 207 गेंदों का सामना करते हुए 107 रन बनाए और रिटायर हर्ट होकर पवेलियन लौट गए। वहीं सौरव तिवारी ने 190 गेंदों पर 122 रन की नाबाद पारी खेली। इशांक और सौरव की पारी के दम पर झारखंड ने अपनी दूसरी पारी में 8 विकेट पर 418 रन बनाए और पारी की घोषणा कर दी।

अब त्रिपुरा के सामने जीत के लिए 266 रनों का लक्ष्य था और एक दिन से भी कम का समय बचा था। दवाब में त्रिपुरा की टीम लड़खड़ा गई और झारखंड के तेज गेंदबाज आशीष कुमार ने पांच बल्लेबाजों को आउट किया। हालांकि त्रिपुरा की तरफ से एमबी मुरासिंह ने 103 रनों की पारी जरूर खेली, लेकिन वो अपनी टीम की हार को नहीं टाल पाए और पूरी टीम दूसरी पारी में 211 रन पर ऑल आउट हो गई और जीत के लक्ष्य से 54 रन पीछे रह गई।

आपको बता दें कि टीम इंडिया के साथ कोलकाता में साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को फॉलोऑन दिया था और उस मैच में वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की पारी के दम पर भारत ने हारे हुए मैच में जीत हासिल की थी। लक्ष्मण ने इस मैच में 281 रन की पारी खेली थी जबकि द्रविड़ ने 180 रन की पारी खेली थी। भारत को इस मैच में 171 रन से जीत मिली थी।

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