अमेरिका और ईरान संघर्ष के बीच कुछ ईरानी हैकरों ने किया अमेरिकी वेबसाइट को हैक

अमेरिकी और ईरान के बीच तनाव की स्थिति है। अमेरिका और ईरान के बीच एक ओर जहां जमीन पर संघर्ष चल रहा है तो दूसरी ओर ईरान, अब अमेरिका पर साइबर हमले कर रहा है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ईरान के हैकर्स होने का दावा करने वाले एक समूह ने शनिवार को एक बड़ी अमेरिकी सरकारी एजेंसी की वेबसाइट को हैक किया है। ईरानी हैकर्स ने सरकारी वेबसाइट को हैक कर इसपर शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने वाले संदेशों को पोस्ट किया है।

फ़ेडरल डिपॉज़िटरी लाइब्रेरी प्रोग्राम की वेबसाइट को हैक कर ईरानी हैकर्स वाले पेज इस पर लगा दिए गए, जिस पर ईरानी प्रधानमंत्री अयातुल्ला अली खामेनेई और ईरान का राष्ट्रीय ध्वज दिखाया गया।हैक की गई वेबसाइट के एक पेज पर डोनाल्ड ट्रंप की एक फोटो को दिखाया गया है, जिसमें वह मिसाइलों के साथ दिख रहे हैं। इसमे साथ ही लिखा गया है, ‘ शहादत (सुलेमानी)… वर्षों से अटूट प्रयासों का प्रतिफल है।

इस वेबसाइट पर लिखे एक संदेश में कहा गया है, ‘उनके(सुलेमानी) जाने के साथ और भगवान की शक्ति के साथ उनका काम और रास्ता बंद नहीं होगा और इसका बदले का इंतजार किया जाएगा, उन अपराधियों को जिन्होंने जिन्होंने अपने गंदे हाथों को अपने खून और अन्य शहीदों के खून से रंग दिया है।’इस वेबसाइट पर एक और कैप्शन में काले रंग के पेज पर सफेद अक्षरों में लिखा गया, ‘यह ईरान की साइबर क्षमता का केवल एक छोटा हिस्सा है!’

गौरतलब है कि ट्रंप ने बताया था कि ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी बगदाद में अमेरिकी सैनिकों पर हमले की योजना बना रहा था।ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने अमेरिकी लोगों या उनकी किसी संपत्ति पर हमला किया तो उसे नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास भी ईरान के 52 ठिकानों का पता है। हम उन्हें बहुत तेज़ और बहुत कठोर वार करेंगे।

ऑस्ट्रिया में साइबर हमला

ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री ने बताया है कि उनका देश गंभीर साइबर हमलों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार देर रात उन्होंने अन्य देशों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अन्य देशों को भी ऐसे साइबर हमलों का सामना करना पड़ सकता है। रात करीब 11 बजे आंतरिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘इस हमले की हमले की गंभीरता और प्रकृति के कारण कहा जा सकता है कि ये देश के ही किसी व्यक्ति का काम है।’

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