राजीव गांधी हत्‍याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से तलब की स्थिति र‍िपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड केस में तमिलनाडु सरकार से विस्‍तृत स्थिति रिपोर्ट तलब की है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार से कहा है कि वह एजी पेरारीवलन और अन्य दोषियों की रिहाई के मामले में दो हफ्ते के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। पेरारीवलन की ओर से याचिका में कहा गया है कि उसने साल 2018 में राज्यपाल के पास दया याचिका लगाई थी और गुजारिश की थी कि बाकी सजा माफ की जाए क्‍योंकि पहले ही वह 27 साल जेल में रह चुका है।

इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई थी जिस पर उसने असंतोष जाहिर किया गया था। इसी मसले पर केंद्र सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट को अपने जवाब में बताया था कि उसने राजीव गांधी हत्या मामले में उम्र कैद की सजा पाए सभी सातों दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के मार्च 2016 के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था क्योंकि इससे खतरनाक परंपरा की शुरुआत हो जाएगी।

यही नहीं हाई कोर्ट को सरकार की ओर से यह भी बताया गया था कि केस की जांच करने वाली सीबीआइ ने भी प्रस्ताव का विरोध किया था। केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि उसने 18 अप्रैल 2018 को तमिलनाडु के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि IPC की धारा 435 के अनुसार भी दोषियों की सजा को दोबारा कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी देना गलत है। दोषियों को रिहा करने से खतरनाक परंपरा पड़ेगी जो भविष्‍य के लिए भी चुनौती बन जाएगी।

उल्‍लेखनीय है कि 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक चुनावी रैली में आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। विशेष टाडा अदालत ने केस में सात आरोपियों वी श्रीहरन, टी सत्येंद्रराजा, जयकुमार, रॉबर्ट पायस (सभी श्रीलंका के नागरिक) और एजी पररीवलन, रविचंद्रन और नलिनी (भारतीय) को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में तमिलनाडु सरकार ने इस तर्क को आधार बनाकर सभी को रिहा करने का प्रस्ताव किया था कि दोषियों ने 24 साल से ज्यादा समय तक जेल की सजा भुगत ली है।

Related Articles

Back to top button