आने वाले दिनों में निजी हाथों में होगा वाहनों के फिटनेस का काम…
आने वाले दिनों में वाहनों के फिटनेस का काम निजी हाथों में होगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों से यह काम जल्द ही छिनने वाला है। वह केवल निजी क्षेत्र में खोले गए फिटनेस सेंटर की जांच करेंगे। फिटनेस सेंटर खोलने के लिए निजी क्षेत्र से आवेदन मांगे गए है।
अभी आरआइ जारी करते हैं वाहनों का प्रमाण पत्र
सड़क पर चलने वाले सभी कामर्शियल वाहनों का फिटनेस अनिवार्य है। वाहनों का हर साल फिटनेस होता है। अभी आरआइ वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते हैं। छोटे कामर्शियल वाहनों की फिटनेस फीस छह सौ और बड़े कामर्शियल वाहनों की फीस आठ सौ रुपये है। वाहनों के लगातार फिटनेस होते हैं लेकिन कई बार यह काम कागजों पर हो जाता है। अनफिट गाड़ी वाले भी फिटनेस का प्रमाण पत्र लेकर चलते हैं। ऐसे में हादसे अधिक होते हैं। प्रदेश सरकार ने फिटनेस को लेकर अफसरों पर दबाव बनाया तो संसाधनों का रोना रोया गया। सरकार की योजना थी कि वाहनों का फिटनेस कंप्यूटराइज्ड हो और इसमें पारदर्शिता रहे।
निजी क्षेत्र के कंप्यूटराइज्ड फिटनेस सेंटर खुलेंगे, मालिकों को होगी सुविधा
पिछले दिनों कंप्यूटराइज्ड फिटनेस की व्यवस्था लखनऊ के परिवहन कार्यालय में शुरू हुई। लेकिन यह व्यवस्था प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों में उपलब्ध कराना आसान नहीं था। इसलिए इसे निजी क्षेत्र में देने का फैसला कर लिया गया है। अभी मंडलीय स्तर पर निजी क्षेत्र का फिटनेस सेंटर खोला जाएगा। मुख्यालय से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि फिटनेस सेंटर खोलने के लिए 16 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सड़क किनारे कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए। एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने बताया कि जहां निजी क्षेत्र के कंप्यूटराइज्ड फिटनेस सेंटर खुलेंगे, वहीं वाहनों के लिए वर्कशाप भी होगा। ऐसा होने पर एक ही मेंटीनेंस का भी काम होगा और फिर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। इससे वाहन मालिकों को भी आसानी होगी।