चीन और अमेरिका के बाद लंदन के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले सबसे अधिक है भारतीय छात्रों की संख्या

यह भारत के लिए गौरव की बात है। लंदन में जिस तरह से भारतीय छात्रों की तादाद बढ़ी है, उससे यह जाहिर है कि भारत प्रगति पर है। चीन और अमेरिका के बाद लंदन के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले सबसे अधिक छात्र भारत के हैं। बुधवार को जारी यूके की हायर एजुकेशन स्टैटिस्टिक्स एजेंसी (एचईएसए) के अनुसार 2018-19 में लंदन में भारतीय छात्रों की संख्या में 34.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

यह वृद्धि 2011-12 के बाद से सबसे अधिक है। इससे पहले तीसरे स्थान पर इटली था, जो अब चौथे स्थान पर पहुंच गया है। पांचवें स्थान पर फ्रांस है। लंदन के मेयर की आधिकारिक प्रचार एजेंसी लंदन एंड पार्टनर्स ने कहा, लंदन आने वाले भारत के छात्रों की संख्या में वृद्धि एक अच्छी बात है। अब वह फिर से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। वह तीन साल पहले भी वह इस स्थान पर था। बता दें कि हाल ही में ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए दो साल के पोस्ट-स्टडी वीजा कार्यक्रम की शुरुआत की है। इससे दूसरे देशों के स्नातक पढ़ाई के बाद ब्रिटेन में रोजगार तलाशने के लिए अधिक दिनों तक रुक सकेंगे।

2018-19 में लंदन के विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या 125,035 थी। चीन के सबसे अधिक छात्र लंदन के विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। इनकी संख्या 25,650 है। दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जिसके 7,460 छात्र पढ़ते हैं। भारत के 7,158 छात्र लंदन के विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। लंदन के भारतीय मूल के उपमहापौर राजेश अग्रवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के लंदन आने वाले भारतीयों को देखकर बहुत खुशी होती है।

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