पुलिस ने 30 जनवरी को जामिया इलाके में फायरिंग मामले में एक आरोपित को किया गिरफ्तार

 Firing In Jamia Area: दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को जामिया इलाके में फायरिंग मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित का नाम अजीत बताया जा रहा है। आरोप है कि अजीत ने ही नाबालिग को हथियार बेचा था।

बता दें कि जामिया इलाके में बृहस्पतिवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में निकाले गए मार्च के दौरान एक नाबालिग ने जामिया के एक छात्र को गोली मार दी थी। हालांकि पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसकी मंशा किसी को गोली मारने की नहीं थी। वह हवा में गोली चलाना चाहता था। लेकिन उससे फायर हो गया। इसका उसे पछतावा भी नहीं है। उधर, पुलिस द्वारा नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने शुक्रवार को प्रस्तुत किया गया। जहां से उसे 28 दिन के लिए सुधार गृह भेज दिया गया।

गोली चलाने वाला नाबालिग देशभर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और हिंदूवादी युवा नेताओं की हत्या किए जाने से आहत था। यही कारण था कि उसने बदले की भावना से अपने गांव के एक शख्स की मदद से 10 हजार रुपये में तमंचा खरीदा था और दिल्ली आ गया था।

17 साल 9 महीने 23 दिन का है आरोपित

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्वजनों द्वारा पेश किए गए आधार कार्ड और आरोपित के 10वीं के प्रमाणपत्र में उसकी उम्र 17 साल 9 महीने 23 दिन है। लिहाजा दिल्ली पुलिस ने जेजे बोर्ड के सामने उसकी सही उम्र का पता लगाने के लिए अस्थि परिशोधन टेस्ट करवाने का आग्रह किया है।

सीएए विरोधी प्रदर्शनों व हिंदूवादी नेताओं की हत्या से आहत था नाबालिग

पुलिस के मुताबिक, आरोपित सीएए के विरोध में प्रदर्शन के लिए केवल एक ही समुदाय के लोगों को जिम्मेदार मानता है। वह शरजील इमाम जैसे भाषण देने वालों और सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक उड़ाने वालों को विदेशी एजेंट मानता है। वह सोशल मीडिया पर लगातार कट्टरवादी वीडियो देखता था। वह 26 जनवरी 2018 को कासगंज में निकाली गई तिरंगा यात्र के दौरान चंदन की हत्या व गत वर्ष अक्टूबर में लखनऊ में हुई हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या से खासा आहत था। कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार से भी वह गुस्से में था।

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