अगर आप भी प्रोपर्टी में पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए जरूरी है ये खबर….

एक समय निवेशकों का पसंदीदा रहा एसेट क्‍लास रियल एस्‍टेट कुछ वर्षों से सुस्‍ती के दौर से गुजर रहा है। जिन निवेशकों ने 2012-13 के आसपास रियल एस्‍टेट में निवेश किया था उन्‍हें फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब सवाल उठता है कि क्‍या मौजूदा वक्‍त में रियल एस्‍टेट में निवेश करना चाहिए, या कुछ समय और इंतजार करना चाहिए। हमने इस संदर्भ में रियल एस्‍टेट के विशेषज्ञों से बातचीत की और जानना चाहा कि क्‍या निर्णय लिया जाना चाहिए। अगर आप भी प्रोपर्टी में पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है।

खुद के लिए घर खरीद रहे हैं तो सही समय है

अगर आप खुद के लिए घर खरीद रहे हैं तो ये आपके लिए यह मुफीद समय है, क्योंकि इस वक़्त आप डेवलपर के साथ अच्छे से मोल भाव कर सकते हैं। इसके अलावा दाम भी काफी सस्ते हो गए हैं। अगर आप यह चाहते हैं कि घर आपके मनपसंद लोकेशन पर मिले तो इसकी संभावना भी काफी बढ़ जाती है। प्रॉपर्टी कंसलटेंट कंपनी एनरॉक के चेयरमैन और संस्थापक अनुज पुरी ने कहा, ‘खुद का घर खरीदने के लिए यह सही समय है, यह ऐसा वक्त है जब डेवलपर से मोल-भाव किया जा सकता है, इसके अलावा जिस जगह आप घर खरदीना चाह रहे हैं वहां आसानी से घर भी मिल सकता है।’

लॉन्ग टर्म निवेश में है फायदा

अनुज पुरी ने कहा, ‘अगर कोई निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए रियल एस्टेट में निवेश करना चाहता है तो उसके लिए फायदेमंद होगा। लॉन्ग टर्म का मतलब कम से कम 5 साल से ज्यादा के लिए निवेश करना होगा फिर इसमें निवेश का लाभ मिलेगा। अगर शॉर्ट टर्म मसलन पांच साल से कम समय के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं तो इसमें निवेश न करें, क्योंकि आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल रियल एस्टेट में लॉन्ग टर्म जैसे कि पांच साल से ज्यादा समय के लिए निवेश करना सही रहेगा, इससे कम के लिए अगर कोई निवेश की सोच रहा है तो वह निवेश न करें। क्योंकि यह सही समय नहीं है, यह बाजार उपभोक्ताओं के लिए बेहतर है।

टैक्स को लेकर क्या है फायदा नुकसान

पुरी ने कहा कि सरकार ने टैक्स में डेवलपर और खरीदार दोनों को राहत दी है। सरकार ने डेवलपर के लाभ और खरीदार के स्टाम्प ड्यूटी पर राहत दी है। इसमें खरीदार को 2.50 लाख रुपये का लाभ भी मिलता है। इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ब्याज में भी राहत दी है। उन्होंने कहा कि अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत घर नहीं खरीदने पर सामान्य कर देना होगा। इसके अलावा डेवलपर जिसके पास घर बना हुआ है और नहीं बेचने पर नोशनल रेंट कंप्यूट किया जाएगा और नोशनल रेंट पर टैक्स लगाया जाएगा।

Related Articles

Back to top button