15 अप्रैल के बाद भी रद हुआ IPL 2020 तो उठाना पड़ेगा 10,000 करोड़ का भारी नुकसान
इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें एडिशन के आयोजन पर खतरा मंडरा रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईपीएल को 15 अप्रैल तक स्थगित करने का फैसला लिया है। अब अगर 15 अप्रैल के बाद भी इसका आयोजन नहीं हो पाया तो तकरीबन 10 हजार करोड़ का नुकसान हो सकता है।
बीसीसीआई किसी भी कीमत पर यह नहीं चाहती है कि किसी तरह का जोखिम उठाकर टूर्नामेंट को कराया जाए। बोर्ड कोरोना के खतरे से वाकिफ है इसलिए मैच को खाली स्टेडियम में भी कराने को तैयार है। 15 अप्रैल तक सरकार ने किसी भी विदेशी नागरिक को भारत का वीजा देने पर रोक लगाया हुआ है लिहाजा आइपीएल में विदेशी खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
आइपीएल ना होने से भारी नुकसान
अगर आइपीएल इस बार नहीं होता है तो बीसीसीआइ और फ्रेंचाइजियों को करीब 10,000 करोड़ का नुकसान होगा। अगर मैच दर्शकों के बिना कराए जाते हैं और खिलाड़ियों के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगती है तो फ्रेंचाइजियों को काफी प्रायोजन राशि और टिकटों से होने वाली आय का नुकसान होगा।
मैच का प्रसारण करने वाले चैनल ने बीसीसीआइ से आइपीएल के प्रसारण अधिकार के लिए पांच साल के लिए 16,347 करोड़ रुपये (प्रत्येक वर्ष करीब 5500 करोड़ रुपये) में खरीदे हैं। कुल मिलाकर एक आकलन के मुताबिक, आइपीएल के रद होने की स्थिति में बीसीसीआइ और फ्रेंचाइजियों को लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
29 मार्च से शुरू होना था आइपीएल
इस साल का आइपीएल 29 मार्च से शुरू होना था और इसका फाइनल मुकाबला 24 मई को खेला जाना था। अब टूर्नामेंट के स्थगित करने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब है कि या तो इसकी तारीख को आगे बढ़ाया जाएगा या फिर इसे मैचों की संख्या कम की जाएगी।