राजधानी दिल्ली में अब बाहरी मरीजो का भी होगा इलाज, उपराज्यपाल ने जारी किया आदेश

दिल्ली सरकार के अस्पतालों में अब दूसरे राज्यों के मरीज भी उपचार करा सकेंगे। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फैसले को पलट दिया है। एलजी ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है।

नए आदेश के तहत दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में अब सभी लोग इलाज करा सकेंगे। अब कोई अस्पताल बाहरी मरीजों का इलाज करने से मना नहीं कर सकेगा।

एलजी के नए आदेश की जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद समेत अन्य संबंधित लोगों को भेज दिया गया है।

दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल के फैसले को चुनौती

उधर, दिल्ली के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में दिल्लीवासियों का ही कोरोना संक्रमण का इलाज करने के दिल्ली सरकार के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाओं में 7 जून के फैसले को रद करने की मांग करते हुए कहा गया है कि यह फैसला असंवैधानिक, मनमाना और मानवता के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि स्थानीय नागरिक होने के आधार पर इलाज की सुविधा देना भेदभावपूर्ण है।

केजरीवाल सरकार ने लिया था बड़ा फैसला

बता दें कि डॉ. महेश वर्मा की कमेटी की सिफारिशों के बाद रविवार को केजरीवाल कैबिनेट में फैसला लिया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों और यहां के निजी अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के अस्पतालों में देशभर के लोग इलाज करा सकते हैं। यह व्यवस्था कोरोना काल तक लागू रहेगी। मुख्यमंत्री ने रविवार को बताया कि दिल्ली के 7.5 लाख से अधिक लोगों से मिले सुझाव में से 90 फीसद लोग कोरोना काल तक सारे अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के लिए रखने के पक्ष में हैं।

वहीं पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी का कहना है कि अगर दिल्ली के सारे अस्पताल सबके लिए खोल दिए तो अस्पतालों में उपलब्ध 9000 कोविड-19 बेड मात्र तीन दिन में भर जाएंगे। कमेटी ने जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत पड़ने की संभावना जताई है। इस समय दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10 हजार बेड हैं और केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी 10 हजार बेड हैं। उन्होंने कहा कि बॉर्डर खोलने के बाद दिल्ली सरकार के अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व रहना चाहिए।

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