हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर बोला हमला, कहा- कांशीराम देश के प्रधानमंत्री बने नहीं…
हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे 85 साल के ओमप्रकाश चौटाला ने सोमवार को बहुजन समाज पार्टी को तगडा झटका दिया और इसका के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला किया। चौटाला ने कहा कि मायावती नहीं चाहती थीं कि बसपा संस्थापक कांशीराम देश के प्रधानमंत्री बनें। इसी कारण कांशीराम देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सके। चौटाला ने बहुजन समाज पार्टी की प्रदेश यूनिट की पूरी ताकत को अपनी पार्टी में खींचकर केवल जाट-दलित गठजोड़ का राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की। इसके साथ ही सोनीपत जिले की बरौदा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को पूरी संजीदगी के साथ लडऩे के संकेत भी दे दिए हैं।
बोले- मैं और मुलायम सिंह यादव कांशी राम को पीएम बनाने के लिए थे तैयार
इनेलो सुप्रीम ओमप्रकाश चौटाला कोरोना संक्रमण की वजह से जेल से बाहर आए हुए हैं। उनका अधिकतर समय सिरसा और तेजाखेड़ा फार्म हाउस पर बीत रहा है। कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर संवाद बनाने में माहिर चौटाला ने लॉकडाउन में राजनीति का ऐसा तानाबाना बुना कि विरोधियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई। अपने छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला को राजनीतिक विरासत सौंप चुके ओमप्रकाश चौटाला ने बसपाइयों को इनेलो में शामिल कराने के बाद ऐसा दांव चला, जिसकी किसी के पास काट नहीं है।
85 साल के चौटाला की रगों में दौड़ रही राजनीति, जाट-दलित गठजोड़ का दिया संदेश
पूर्व मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि तमाम राष्ट्रीय नेता चाहते थे कि कांशी राम देश के प्रधानमंत्री बनें, लेकिन मायावती अड़ गईं। वह बिल्कुल नहीं चाहती थीं कि कांशी राम देश के प्रधानमंत्री बनें। चौटाला ने एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके पिता देवीलाल और बसपा के संस्थापक कांशी राम की आपस में अच्छी मित्रता थी। बाद में उनकी भी कांशी राम के साथ बढिय़ा अंडरस्टैंडिंग (समझदारी) बन गई। दिल्ली में जब उनकी मीटिंग हुई तो हमने मुलायम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की बात की। साथ ही कांशीराम से अनुरोध किया कि वह देश के प्रधानमंत्री बनें।
ओमप्रकाश चौटाला ने उजागर किया कि कांशीराम इस पर राजी हो गए थे। मिलकर चुनाव लडऩे पर सहमति बन गई। मुलायम सिंह यादव भी तैयार थे, लेकिन मायावती अड़ गईं। उनकी जिद के चलते कांशी राम देश के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। उन्होंने प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर भी हमला बोला। चौटाला ने कहा कि हर व्यक्ति मौजूदा सरकार से परेशान है। इन परेशान लोगों को केवल एक ही उम्मीद इनेलो के रूप में दिखाई देती है। हम आम लोगों के सहयोग से दोबारा सरकार बनाने की स्थिति में होंगे। मौजूदा सरकार व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति करने में लगी हैं।
इन लोगों को मुझसे डर, इसलिए नहीं कर रहे रिहा
जेल से अपनी रिहाई नहीं होने पर चौटाला का दर्द जुबां पर आ गया। ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि सजायाफ्ता होने की वजह से मैं खुलकर लोगों के बीच नहीं जा सकता। जब मेरी सजा खत्म हो जाएगी, तब मैं सक्रियता बढ़ा दूंगा। चौटाला ने कहा कि अमूमन 65 साल की उम्र के बाद किसी भी कैदी के प्रति रियायत बरतते हुए उसे रिहा कर दिया जाता है। मैं 85 साल से ज्यादा का हो चुका हूं, लेकिन मुझे रिहा नहीं किया जा रहा है। इन लोगों को कुछ न कुछ जरूर मुझसे डर होगा।
प्रजातांत्रिक प्रणाली में पारिवारिक सिस्टम नहीं चलते
भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में भाई रणजीत सिंह चौटाला के मंत्री होने तथा पोते दुष्यंत चौटाला के उप मुख्यमंत्री होने से जुड़े सवाल पर ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि प्रजातांत्रिक प्रणाली में पारिवारिक सिस्टम नहीं चला करते। जनतांत्रित सिस्टम चलते हैं।
बरौदा उपचुनाव में लोग निकाल देंगे इनकी रड़क
ओमप्रकाश चौटाला ने बरौदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव पूरी मुस्तैदी के साथ लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव अभय चौटाला की देखरेख में लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि दुखी और परेशान लोग लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते। बरौदा में उप चुनाव होगा। कोरोना की आड़ लेकर सरकार चुनाव कराने की अवधि को लंबा खींच सकती है। इस चुनाव के नतीजे प्रादेशिक ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी असर डालेंगे।
हमसे कोई चूक हुई, तभी हमारी सरकार गई
चौटाला ने माना कि हमारे से कोई न कोई चूक रही होगी, तभी हमारी सरकार गई। जनतांत्रित तरीके से लोगों का साथ लेकर गलतियों को सुधारा जा सकता है। लोगों ने हमारा काम देख रखा है। आज प्रदेश पर दो लाख 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए वेतन तक नहीं है। हमें सरकार बनाने का मौका मिला तो हम ऐसी नीति निर्धारित करेंगे, जिसका लोगों को फायदा मिलता है।