EIA की अधिसूचना के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से शुक्रवार को साल 2020 के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) की अधिसूचना के संबंध में आपत्तियां और सुझाव देने की अंतिम तिथि को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा है.

कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह स्पष्टीकरण उस याचिका पर सुनवाई के दौरान मांगा है, जिसमें लोगों से सार्वजनिक राय लेने के लिए अवधि बढ़ाने की मांग की गई है.

बता दें कि जो विकास परियोजनाएं लागू होने वाली हैं, उनका पर्यावरण पर क्या हानिकारक प्रभाव पड़ेगा, इस हानि को कम करने के क्या उपाय हैं. इन सबके बारे में सुझाव देने के लिए EIA का गठन किया गया है. EIA की शर्तों को पूरा करने के बाद ही पर्यावरण मंत्रालय विकास परियोजनाओं पर अपनी मुहर लगाता है.

29 जून तक जवाब दाखिल करे केंद्र

हाई कोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में 29 जून तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है. पर्यावरण के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट विक्रांत तोंगड़ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से अधिसूचना में आपत्तियों को आमंत्रित करने की अवधि को 60 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है, लेकिन सरकार के द्वारा यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है कि 60 दिनों की अवधि कब शुरू होगी.

याचिका में कहा गया है कि पर्यावरणीय प्रभाव आकलन का मसौदा 23 मार्च को जारी किया गया था और उसके बाद पहली बार 11 अप्रैल को इसको वेबसाइट पर प्रकाशित भी कर दिया गया. इस पर आम जनता की शिकायतें और सुझाव प्राप्त करने के लिए 60 दिन की अवधि दी गई थी. जिसके बाद पर्यावरण मंत्रालय ने 8 मई को एक अधिसूचना जारी कर 30 जून तक आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करने की अवधि बढ़ाने की जानकारी दी.

60 दिनों की अवधि कब से शुरू होगी

याचिका में 8 मई की अधिसूचना को लेकर सवाल उठाया गया है और कहा गया है कि आपत्तियों को आमंत्रित करने की अवधि 60 दिन बढ़ा तो दी गई है, लेकिन सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि 60 दिनों की अवधि कब से शुरू होगी. याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर मसौदा अधिसूचना पर जनता की राय हासिल करने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त बढ़ाने की मांग की है.

आम जनता की आवाज नजरअंदाज करने का आरोप

याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस अधिसूचना में आम जनता द्वारा लिए जाने वाले सार्वजनिक परामर्श को पूरी तरह से हटाने का प्रस्ताव दिया गया है.और कुछ मामलों में तो परियोजनाओं के लिये मंजूरी भी दे दी गई है. इसके अलावा आम जनता के द्वारा दी जाने वाली राय के लिए भी 45 दिन के समय को घटाकर 40 दिन का कर दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि ईआईए साल 2020 में पूरी तरह से खत्म हो गया है और पर्यावरण के मानदंडों को बदल दिया गया है.

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