भारत को ईरान ने दिया बड़ा झटका, चाबहार रेल परियोजना से हटाया

 

ईरान ने भारत को एक बड़ा झटका दिया है. ईरान की सरकार ने चाबहार बंदरगाह के रेल प्रोजेक्ट से भारत को अलग कर दिया है. समाचार पत्र ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तरफ से परियोजना की फंडिंग और इसे शुरू करने में हो रही देरी का हवाला देते हुए ईरान ने ये फैसला किया है.

भारत ने चार साल पहले इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. चाबहार बंदरगाह से ये रेल लाइन ईरान की सीमा पार करके अफगानिस्तान के जारांज तक जाएगी. रेल लाइन बनाने की इस परियोजना में भारत भी शामिल था.

‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान रेलवे भारत की मदद के बगैर खुद इस परियोजना का काम शुरू करेगा और ईरानी राष्ट्रीय विकास फंड के 40 करोड़ डॉलर के फंड का इस्तेमाल करेगा. ईरान इस परियोजना को मार्च 2022 तक पूरा करेगा.

ईरान का ये कदम ऐसे वक्त में आया है जब भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव जारी है. जहां एक तरफ ईरान ने भारत को रेल प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया है, वहीं चीन के साथ 25 सालों के लिए आर्थिक और सुरक्षा साझेदारी के बड़े समझौते पर भी आगे बढ़ने का फैसला किया है. इस समझौते के तहत, चीन अगले 25 सालों में ईरान में 400 अरब डॉलर का निवेश करेगा और ईरान अपना तेल भारी छूट के साथ चीन को बेचेगा.

चीन और ईरान के बीच ये साझेदारी बैंकिंग, टेलिकम्युनिकेशन, बंदरगाहों, रेलवे और अन्य परियोजनाओं को लेकर भी आगे बढ़ेगी. इस समझौते में सैन्य सहयोग बढ़ाने का भी प्रस्ताव है जिससे इलाके में चीन की पकड़ मजबूत हो सकती है. ईरान के इस समझौते से इलाके में भारत के हितों को नुकसान पहुंच सकता है.

मई 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेहरान का दौरा किया था तो ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसी समझौते में रेलवे लाइन बनना भी प्रस्तावित था.

भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के तहत अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया के बीच व्यापारिक मार्ग बनाया जाना था. ये भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी काफी अहमियत रखता है क्योंकि इससे भारत के लिए पश्चिमी एशिया से पाकिस्तान के दखल के बिना सीधे जुड़ने का रास्ता खुलता है. इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (IRCON) ने परियोजना के लिए करीब 1.6 अरब डॉलर की फंडिंग और सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया था. हालांकि, अमेरिका ने जब ईरान पर प्रतिबंध थोप दिए तो भारत ने रेलवे लाइन पर काम शुरू ही नहीं किया. जबकि IRCON के इंजीनियरों ने कई बार साइट विजिट की थी.

अमेरिका ने भारत को चाबहार बंदरगाह और रेलवे लाइन को लेकर प्रतिबंधों से छूट दी थी लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से भारत के लिए एक्विपमेंट सप्लायर ढूंढना मुश्किल हो गया था.

 

 

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