मौत से जुड़े कुछ ऐसे अंधविश्वास जिन्हें आज भी लोग मानते है
इस धरती पर जन्म लेने वाले हर इंसान की एक दिन मृत्यु होगी यह एक सत्य है। मृत्यु को लेकर आज इंसान के बीच कई अलग-अलग विचार है। कुछ का मानना होता है की मृत्यु के बाद इंसान की आत्मा दुबारा जन्म लेती है तो कुछ का मानना होता है यह इंसान का अतिंम वजूद होता है। मौत का नाम सुन हर कोई पहले भगवान को हाथ जोड़ता है। मौत से जुड़े अलग-अलग तथ्यों पर कुछ विद्धानों का मानना है की मौत इंसान के अंदर डर का भाव पैदा करने का सबसे बड़ा भाव है। तो चलिए दोस्तो आज मृत्यु से जुड़े लोगो के कुछ अंधविश्वास के बारे में जानते है।
1. मरने के बाद आंखें खुली रहना
दोस्तो फिल्म के दौरान मृत्यु के दृश्य हम सब देखते है। फिल्मों में जब एक्टिंग के दौरान मरने का दृश्य फिल्माया जाता है तब उसकी आंखें खुली रहती है। इंसान की मृत्यु के बाद आंखें खुली रहती है या बंद रहती है यह एक आज भी एक अंधविश्वास बना हुआ है। ऐसा भी नही है की जब इंसान की मृत्यु हो उसकी आंखे खुली ही रहे। लेकिन इन सब बातों के बीच हमारे समाज में मौत के बाद इंसान की आंखें खुली रखना सही नही माना जाता।
2. रात को कुत्ते का रोना
रात के समय कुत्ते का रोना असुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुत्ते का रोना बुरी खबर का संकेत होता है। कुछ तथ्य है की कुत्तें वो सब देख लेते है जो मनुष्य नही देख पाता, उनमें एक होते है यमदूत। लेकिन दोस्तो रात में कुत्तें के रोने के साथ और भी वजह जुड़ी हो सकती है जैसे चोट लगना व अन्य कारण हो सकते है। ऐसा भी माना जाता है की जानवरों में छटवी इंद्री होती है जो असुभ संकेत को पहले से देख लेती है। बस इसी तथ्य के साथ कुत्तें का रोना असुभ सकेंत को जोड़ लिया गया।
3. अंतिम संस्कार के बाद शुद्धिकरण करना
भारत के अधिकतर हिस्सो में इंसान के अंतिम संस्कार के बाद घर में स्नान कर प्रवेश किया जाता है व 10 वें दिन पूरे घर का शुद्धिकरण होता है। जब तक सभी लोग नहा धोकर नए वस्त्र धारण नही करते वो अछूत माने जाते है। अंधविश्वास या विश्वास की इस कहानी के प्राचीन काल में फैली छूत की बीमारी से भी तार जुड़ते है। तब लोग छूत की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के अंतिम संस्कार के बाद नहाते और फिर नए वस्त्र पहनते। लेकिन यह आज भी जारी है फिर व्यक्ति भले ही सवस्थ अवस्था में ही क्यों न मरा हो।
4. मृत्यु के बाद घर में कुछ दिन खाना नही बनाना
आज हिंदू परिवारो मे जब भी किसी व्यक्ति का देहात होता है। तब उस घर में एक निश्चित समय तक चुल्हा नही जलाया । इस स्थिति में आस-पास के पड़ोसी ही उस घर में खाना पहुंचाते है। ऐसा माना जाता है की इस दुख की घड़ी उस घर में किसी का न खाने का मन होता न ही बनाने का। दुख के समय पड़ोसीयों द्वारा की गई यह मदद सामाजिक सदभावना का एक प्रतिक है।
5. सांस रोक लेना
यह अंधविश्वास थोड़ा अलग है ऐसा माना जाता है की जब भी आप किसी शमशान घाट के पास से गुजरे तो अपनी सांस को कुछ समय के लिए रोक लेना चाहिए। इसके पीछे ऐसा माना जाता है की शमशान घाट में रहने वाली आत्माएं सांस की आवाज से के शरीर में प्रवेश कर जाती है।
6. अंतिम संस्कार के समय बारिश
ऐसा माना जाता है कि इंसान की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा आसमान में बसती है। जब अंतिम संस्कार के समय बादल तेजी से गरजते है व बारीश होती है तो वो आत्मा के लिए अशुभ माना जाता है। वही कही इस घटना को आत्मा के लिए शुभ सकेंत भी मानते है।
7. मृत शरीर के पांव दक्षिण की और करना
व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका अतिंम संस्कार करते समय लोग मृत शरीर के पावों को दक्षिण दिशा की और करते है । लोगो का इसके पीछे अंधविश्वास होता है की ऐसा करने से व्यक्ति की आत्मा को जल्दी शांति मिलती है और वो भगवान की शरण में जाता है। साथ ही उसका पुर्णजन्म एक अच्छी प्रजाती में होता है।
8. कब्र पर फूल रखना
व्यक्ति के निधन के बाद उसकी कब्र पर फूल क्यों रखे जाते है ? इस पर लोगो की भी कोई प्रकिया नही है। हजारो सालो पहले मृत शरीर को कब्र में न दफना कर बाहर खुले में रखा जाता था तब इस स्थिती में मृत शरीर की गंद से बचने के लिए ऐसा किया जाता था। लेकिन आज बदलते दौर के साथ मृत शरीर को लकड़ी के बॉक्स में बंद कर दिया जाता है तब गंद आने का सवाल ही नही है । मगर फिर भी आज लोग कब्र पर फूल रखते है।