कभी नहीं देखी होगीं चॉक से बनी मुर्तिया, यह शख्स बनता है अद्भुत….

बेंगलुरु के रहवासी सचिन सांघे पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं लेकिन अपना अधिकतर वक्त चॉक पर आर्ट वर्क कर के बिताते हैं. सचिन के द्वारा बनाए गए स्कल्पचर को देखकर ऐसा महसूस होता है कि जैसे ये किसी सांचे में ढालकर बने हुए हैं. देवी-देवताओं की आकृति से लेकर सेलेब्स के पोट्रेट को सचिन छोटी सी चॉक पर उकेर देते हैं.

माइक्रो स्कल्पचर आर्टिस्ट सचिन सांघे ने पेंसिल की नोक पर अमिताभ बच्चना का फेस उकेरा और 8 घंटे की मेहनत का फल बताते हुए ट्विटर पर साझा कर दिया. पेंसिल की नोंक पर अपना फेस देखकर एक्टर अमिताभ भी दंग रह गए और उन्होंने सचिन के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए बोला की अरे बाप रे…अद्भुत है यह! बहुत-बहुत धन्यवाद. सचिन ने इंडियन सेलब्स सहित  दो सौ से ज्यादा चॉक के मिनिएचर बनाए हैं.

सचिन हाई स्कूल में पढ़ते वक्त हमेशा ब्लैकबोर्ड पर नोट्स लिखा करते थे. इसी दौरान उनका चॉक से खास कनेक्शन जुड़ गया. उन्होंने अपने ज्योमेट्री टूल्स की सहायत से चॉक पर कारीगरी करना प्रारंभ कर दी. वक्त के साथ-साथ उनकी यह कला और बेहतर होते चली. लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के कारण वो इस कार्य से दूर हो गए. जॉब लग जाने के बाद सचिन ने फिर से अपने कला पर ध्यान देना प्रारंभ कर दिया. सबसे पहले चॉक पर  सचिन ने कलाकारी की शुरुआत अक्षर और नाम के साथ की थी. फिर वो इसे अपने सगे-संबंधियों को तोहफे में दे देते थे. इसके बाढ़ सचिन का जब हाथ अच्छे से जम गया, तो उन्होंने सर्वप्रथम भगवान महावीर की मुर्ति बनाई थी. चॉक मुर्ती कला के साथ सचिन माइक्रो मुर्ति कला में भी निपुण होते चले गए. बता दें की सचिन ने ये भी बताया कि इंटरनेट की सुविधा ना होने के कारण सीखने का कोई माध्यम नहीं था. नार्मल चॉक स्कल्पचर बनाने में 5 से 6 घंटे, तो वहीं मुश्किल स्कल्पचर में 130 घंटे का वक्त लग जाता था. उनको ताजमहल का स्कल्पचर रेडी करने में 80 घंटे लगे थे. यह कार्य करते हुए सचिन को पंद्रह साल हो गए हैं.

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