विधानसभा का सत्र आज से शुरू, गहलोत सरकार विश्वास और बीजेपी लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

राजस्थान में महीनों से जारी खींचतान के बाद आज से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र के दौरान आज भाजपा, गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में गहलोत सरकार, विधानसभा सत्र के दौरान विश्वास प्रस्ताव लाने वाली है। इस बीच बसपा ने भी राजस्थान में अपने विधायकों से विश्वास मत कराए जाने की स्थिति में कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के निर्देश दिए हैं। इस कारण आज से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। दोनों पार्टियां आज सत्र के दौरान आमने-सामने आ सकती हैं।

विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी भाजपा

राजस्थान में आज से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के पहले दिन भाजपा, गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। गहलोत सरकार का यह पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा। गुरुवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर फैसला किया गया। भाजपा विधायक दल की बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति पर चर्चा हुई और यह तय किया गया कि भाजपा, गहलोत सरकार के खिलाफ आज से शुरू हो रहे सत्र के पहले दिन अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। जानकारी के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और इसके लिए जरूरी 40 विधायकों के हस्ताक्षर भी करवा लिए गए हैं।

बगावत के बाद जयपुर लौटे सचिन पायलट

सचिन पायलट करीब एक महीने की बगावत के बाद गुरुवार शाम को वापस जयपुर लौटे। शाम को सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत की मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, साथ में फोटो भी खिंचवाई। कांग्रेस ने इस बैठक में भाजपा को हराने का संदेश दिया और भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास पर गुरुवार शाम को हुई विधायक दल की बैठक में उन्होंने कहा कि जो अब तक हुआ, उसे भुला दीजिए। हम 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते, मगर इसमें खुशी नहीं मिलती, क्योंकि अपने तो अपने होते हैं।बैठक में सचिन पायलट ने विधायकों व पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का आभार जताया। उन्होंने गहलोत को भी धन्यवाद दिया।

बसपा ने दिए कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के निर्देश

राजस्थान में जारी सियासी घमासान को बसपा ने और रोचक बना दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने राजस्थान में अपने विधायकों को विश्वास मत होने की स्थिति में कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के निर्देश दिए हैं। बसपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है, जिसमें उन्हें विश्वास मत की स्थिति में कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी ने विधायकों को चेतावनी भी दी है। पार्टी का कहना है कि व्हिप का उल्लंघन करने पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

क्या है विधानसभा की दलीय स्थिति?

राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें कांग्रेस के 106 विधायक(विधानसभा अध्यक्ष को नहीं जोड़ा गया है) हैं। इसके अलावा कांग्रेस को 13 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो और आरएलडी के एक विधायक ने भी सरकार को समर्थन दिया है। माकपा के दो में से एक विधायक सरकार के साथ तो दूसरे तटस्थ हैं। भाजपा के खुद के 72 विधायकों के साथ ही सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक भी उनके साथ हैं। अगर किसी परिस्थिति में सदन में मतदान होता है और दोनों पक्षों के वोट बराबर आते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष को मतदान करने का अधिकार है।

सचिन से सुलह के बाद भी कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं !

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से सुलह के बाद भी राजस्थान कांग्रे्रस में सब कुछ ठीक नहीं है। बदले सियासी घटनाक्रम से अशोक गहलोत खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। इस बीच पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संदेश लेकर जयपुर पहुंचे संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को पायलट और गहलोत खेमों के विधायकों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई।

सपा विधायकों के मामले में सुनवाई टली

कोर्ट ने छह बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में गुरुवार को कोई भी अंतरिम आदेश नहीं दिया और सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राजस्थान में बसपा के कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों का मतदान का अधिकार निलंबित करने की मांग की है।

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