लखनऊ में पर्यटक फिर से बड़े इमामबाड़े का कर सकेंगे दीदार, प्रशासन आज बैठक के बाद लेगी फैसला

नवाबों के शहर की पहचान बड़े इमामबाड़े को पर्यटकों के लिए फिर से खोलने की तैयारी है। जल्द ही पर्यटक शहर की ऐतिहासिक इमारतों का दीदार कर सकेंगे। अनलॉक चार में पर्यटकों के लिए बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, पिक्चर गैलरी सहित अन्य ऐतिहासिक इमारतें खोलने के लिए पर्यटन विभाग ने नई गाइडलाइन बनाई है। सत्रहवीं शताब्दी की वास्तुकला और नवाबी ज़माने की बेहतरीन कारीगरी का नमूना बड़ा इमामबाड़ा एक बार फिर से पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। कोरोना काल के चलते बंद चल रहीं शहर की ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटकों के लिए धीरे धीरे खोलने की कवायद शुरू हो चुकी है।

केंद्र सरकार के अनलॉक चार के बाद नए नियम कानून के साथ बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, पिक्चर गैलरी खुलने के लिए तैयार है। नई गाइडलाइन के साथ शहर की ऐतिहासिक इमारतों को खोलने के लिए पर्यटन विभाग ने एक प्रस्ताव भी तैयार किया है। सोमवार को पर्यटन विभाग की बैठक के बाद आधिकारिक रूप से उसकी घोषणा की जाएगी। इस संबंध में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटकों के लिए बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, पिक्चर गैलरी खोलने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। सोमवार को विभागीय बैठक के जो भी आदेश मिलेंगे, उस आदेश का पालन करते हुए पर्यटन स्थल खोल दिए जाएंगे। पर्यटन स्थल में जाने के लिए गाइडलाइन तैयार की गई है। जो बैठक में शामिल अधिकारियों के समक्ष रखी जाएगी, आपसी सहमति के बाद उस गाइडलाइन को आधिकारिक तौर पर पर्यटकों पर लागू किया जाएगा।

इनपर करना होगा अमल

एक बार में सात लोगों का ग्रुप इमामबाड़े के अंदर जा सकेगा।

एक ग्रुप के जाने के दस मिनट के बाद दूसरा ग्रुप की होगी इंट्री।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा, इसके पालन के लिए सुरक्षागार्ड होंगे तैनात।

बिना मास्क के नहीं होगी इंट्री।

1-2 घंटे तक ही इमामबाड़े के अंदर रह सकेंगे पर्यटक।

करोड़ों का हुआ नुकसान

पिछले करीब छह महीने से ऐतहिसिक इमामबाड़ा सहित शहर की अन्य इमारतें पर्यटकों के लिए बंद हैं। अप्रैल से बंद चल रहीं इमारतों के बंद होने से रोजाना लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस हिसाब से अब तक कई करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं, दूसरी ओर लॉकडाउन में पर्यटकों के न आने से सैकड़ों परिवारों को आर्थिक संकट से जुझना पड़ा। गाइड, टांगाचालक सहित इस बीच वह परिवार जिनकी कमाई पयर्टकों से होती हैं, उनकी कमाई शून्य हो गई थी। अब दोबारा ऐतिहासिक इमारतें खुलने से उन परिवारों को फिर से रोजगार मिल सकेगा।

भूलभुलैया के लिए अभी और इंतजार

भले ही पर्यटन विभाग बड़े इमामबाड़े सहित शहर की ऐतिहासिक इमारतों को पर्यटकों के लिए खोलने जा रहा है, लेकिन भूलभुलैया के दीदार के लिए पर्यटकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। लॉकडाउन से पहले से बंद भूलभुलैया के खुलने के अभी आसार नहीं दिख रहे। दरअसल भूलभुलैया के परशियन हॉल का एक हिस्सा जर्जर होकर झुक गया था, इसके बाद हुसैनाबाद ट्रस्ट ने परशियन हॉल आने वाले दरों पर लोहे के दरवाजे लगा दिए थे। दरवाजे लगकर पररिशयन हॉल का रास्ता बंद कर दिया था। जो निर्माण के बाद ही पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।

दो माह में रेजीडेंसी पहुंचे मात्र दो हजार दर्शक

कोरोना काल के बाद जुलाई माह में पर्यटकों के लिए खोली गई रेजीडेंसी में दर्शकों की काफी कमी देखने को मिली। पिछले दो माह में दो हजार पर्यटक भी रेजीडेंसी नहीं पहुंचे। ऑनलाइन टिकट लागू करने के बाद जुलाई माह में करीब 365 और अगस्त माह में लगभग 1100 दर्शक ही रेजीडेंसी देखने पहुंचे हैं। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ऑफलाइन टिकट की सुविधा बंद होने और एक कोरो ना महामारी की वजह से पर्यटकों में इतनी कमी आईं है।

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