योगी सरकार ने खोला एक लाख नौकरीयों का पिटारा, चल रही जोरदार तैयारी…
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा में मल्टी- मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब को विकसित करने में लगभग 3,884 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। इससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के माध्यम से माल के कुशल भंडारण और परिवहन की सुविधा उपलब्ध होगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए बोराकी में रेल, सड़क और मास रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (एमआरटीएस) के साथ मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब परियोजना में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल, लोकल बस टर्मिनल, मेट्रो, वाणिज्यिक, रिटेल और होटल सहित हरित स्थान भी होगा। दादरी में लॉजिस्टिक हब परियोजना को एक विश्वस्तरीय सुविधा के रूप में विकसित किया जाएगा जो फ्रेट कंपनियों और ग्राहकों को एक-स्टॉप गंतव्य प्रदान करेगी।
इस परियोजना के विकास से न केवल उत्तम कंटेनर हैंडलिंग की सुविधा मिलेगी बल्कि परिचालन की बेहतर दक्षता के साथ लाजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए विभिन्न मूल्य-संवर्धित सेवाएं उपलब्ध होंगी।
निवेश प्रस्ताव को मंजूरी
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मेसर्स नानक लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के निवेश प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। यह वेयरहाउसिंग इकाई लखनऊ के सरोजनी नगर के भउकापुर गांव में 86,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनेगी। इसमें लगभग 85 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
मंत्री सतीश महाना ने कहा है कि “वेयरहाउसिंग सप्लाई चेन (आपूर्ति श्रृंखला) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें केंद्रीकृत भंडारण सुविधा उपलब्ध होती है। इसमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के लिए बेहतर इन्वेंट्री प्रबंधन के साथ औद्योगिक इकाइयों में निर्मित उत्पादों की सुगम पैकिंग, वितरण, और डिलीवरी हो सकेगी।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश के लिए राज्य सरकार को लगभग 438 करोड़ रुपये के छह प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से अनुमोदित इकाई राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त करने वाली पहली परियोजना है।
एकीकृत राज्यस्तरीय लाजिस्टिक्स योजना के विकास के लिए राज्य के नोडल अधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि राज्य सरकर ने लाजिस्टिक्स क्षेत्र को उद्योग का दर्जा प्रदान करने के अतिरिक्त लॉजिस्टिक पार्कों के विकास के लिए पात्रता सीमा को 50 एकड़ से घटाकर 25 एकड़ कर दिया है।