बैंक ऑफ बड़ौदा का बड़ा फैसला, अब पर्मानेंट कर्मचारियों को करना पड़ सकता है…

कोरोना काल में अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए प्रेरित कर रही है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग वर्क फ्रॉम होम ही कर रहे हैं. ऐसे में देश का सरकारी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा भी इस दिशा में बड़ा फैसला ले सकता है. बिजनेस टुडे में छपी एक खबर के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा पहला ऐसा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जो अपने कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए पर्मानेंट घर से काम नीति बनाने पर विचार कर रहा है.

मेंनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म को किया नियुक्त- BOB ने अभी हाल ही में विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया गया है. बैंक ने कोविड के बाद की इस रणनीति को लागू करने में सुझाव के लिए मेंनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म मैकिन्से एंड कंपनी को भी नियुक्त किया है. बैंक ऑफ बड़ौदा के सीईओ संजीव चड्ढा ने कहा कि बैंक इस तरह नीति पर विचार कर रहा है. महामारी के बाद बैंक अपने कर्मचारियों और उनके स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुए काम करें.

अक्टूबर माह में लिया था ये फैसला- अक्टूबर माह में बैंक ने अपने वर्कफोर्स को 50-50 में बांटकर वर्क फ्रॉम होम की नई व्यवस्था शुरू की थी. बैंक ऑफ बड़ौदा ने कुल वर्कफोर्स को 50-50 भागों में विभाजित कर आधे कर्मचारियों को अगले पांच सालों तक के लिए घर से काम करवाने की तैयारी की थी, जबकि आधे कर्मचारी को बैंक आकर काम करने का निर्णय लिया था.

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