चुनावी संग्राम के बीच ममता की चोट से घायल हुई, विपक्ष दलों की राजनीतिक रणनीति
टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 10 मार्च को नंदीग्राम से नामांकन के बाद सड़क के रास्ते लौटते वक्त उनके पैर में लगी चोट पर सियासत गर्म है. पश्चिम बंगाल के चुनावी संग्राम के बीच चोट भले की ममता बनर्जी को लगी हो, लेकिन घायल विपक्ष दलों की राजनीतिक रणनीति हो गई है. यही वजह है कि एक तरफ लेफ्ट-कांग्रेस और बीजेपी के नेता ममता की चोट लगने की घटना को सियासी ड्रामा बता रहे हैं तो दूसरी तरफ इन्हीं पार्टियों के दूसरे नेता चोट को लेकर संजीदगी भी जाहिर कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं जबकि इनके शीर्ष नेतृत्व ने पूरी तरह खामोशी अख्तियार कर रखा है.
नंदीग्राम में चोट लगने के बाद 66 साल की ममता बनर्जी कोलकाता के सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल हास्पिटल में भर्ती हैं. ममता के पैर में प्लास्टर चढ़ा हुआ है. ममता बनर्जी ने घटना के बाद बयान जारी कर कहा है कि चार पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया और उनके ऊपर दरवाज़े बंद करने की कोशिश की. उस वक्त उनके आस-पास कोई पुलिस वाला नहीं था. ये साजिश है. वहीं, कांग्रेस के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने ममता की चोट को ड्रामा बताया.
कांग्रेस के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि नंदीग्राम समेत पूरे बंगाल में स्थिति खराब होते देख ममता अब खुद पर हमले का नाटक करके लोगों की संवेदना बटोरने की कोशिश कर रही हैं. थोड़ी बहुत चोट तो किसी को चलते फिरते भी लग जाती है, ममता केवल पाखंड कर रहीं. अधीर रंजन का कहना है कि वे मुख्यमंत्री ही नहीं पुलिस मंत्री भी हैं क्या आप मान लेंगे कि वहां कोई पुलिस नहीं थी? पूरे इलाके में सीसीटीवी है जबकि जांच हो जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
कांग्रेस नेता चोट लगने की घटना को लेकर एक तरफ ड्रामा बता रहे हैं तो दूसरी तरफ इन्हीं पार्टियों के दूसरे नेता चोट को लेकर संजीदगी भी जाहिर कर रहे और साथ ही जांच की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के ही मनीष तिवारी और अभिजीत मुखर्जी ने ममता की खैरियत की चिंता जताई और जल्द ठीक होने की शुभकामनाएं दी जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक ने खामोशी अख्तियार कर रखा है. उन्होंने न तो ट्वीट किया और न ही कोई बयान दिया.
वहीं, बीजेपी के बंगाल ईकाई ने ट्विटर हैंडल से प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ट्वीट किए गए हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी को किसी ने धक्का नहीं दिया है. बीजेपी ने इन बयानों के साथ सवाल किया है, ‘क्या हाथ से निकल चुकी (चुनावी) लड़ाई में सहानुभूति मत बटोरने की कोशिश है? साथ ही बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने गुरुवार को कहा, ‘ममता बनर्जी को चोट जरूर लगी है, पर चोट उन्हें अपनी गलती से लगी है. इतने पुलिस वाले सुरक्षा में थे फिर किसने हमला किया? हमला किया तो अपराधी पकड़ा क्यों नहीं गया? मैं मांग करता हूं कि सैटेलाइट से देखा जाए कि ममता बनर्जी को किसने धक्का मारा.’
बंगाल बीजेपी प्रभारी व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी मामूली दुर्घटना को साजिश का एंगल देने का प्रयास कर रही हैं. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि दुर्घटना हुई हो, लेकिन ये दावा करना कि किसी ने जानबूझ कर धक्का दिया है स्वीकार्य नहीं है. उनके साथ हर वक्त ढेर सारी सुरक्षा लगी रहती है. ममता चोट का नाटक कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ममता चुनाव में हार को देख ऐसे ड्रामा करके सहानुभूति पाने की कोशिश कर रही हैं. कैलाश विजयवर्गीय ने एक तरफ तो ममता पर ड्रामा करने का आरोप लगाया और दूसरी तरफ सीबीआई जांच की मांग भी कर रहे हैं.
बीजेपी नेता ने एक तरफ तो ममता की चोट को ड्रामा बताया दूसरी तरफ उनका हालचाल जानने में जुटे हैं. बुधवार शाम ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ ममता बनर्जी को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे. वहीं, गुरुवार की सुबह बीजेपी नेता तथागत रॉय भी उनका हाल जानने अस्पताल पहुंचे. हालांकि उन्हें एंट्री ही नहीं दी गई. तथागत रॉय ने कहा, ‘हम ममता बनर्जी से मिलना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसकी वजह यह है कि डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है. हमने अरूप विश्वास से मुलाकात की है और ममता बनर्जी को लेकर अपनी संवेदनाएं प्रकट किया.’ हालांकि, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने ममता की चोट पर न तो कोई बयान दिया और न ही किसी तरह का ट्वीट किया.
वहीं, ममता बनर्जी की चोट पर बीजेपी और टीएमसी दोनों ही चुनाव आयोग की दर पर पहुंच गई. बीजेपी के सब्यसाची दत्ता और शिशिर बजोरिया ने चुनाव आयोग शिकायत दर्ज कराकर कहा कि हम मुख्यमंत्री को घायल देखकर सदमे में हैं. हम इसकी विस्तृत जांच चाहते हैं. वहीं, तृणमूल के नेताओं ने चुनाव आयोग जाकर नंदीग्राम में हुए कथित हमले की शिकायत कराई और सही जांच की मांग की. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और राज्य सरकार के दो मंत्रियों ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई.
टीएमसी ने ममता को लगी चोट को लेकर मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है. टीएमसी नेता मदन मित्रा ने मुख्यमंत्री और पार्टी नेता पर हुए हमले को लेकर बेलगढ़िया में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की है. टीएमसी के सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की. टीएमसी के विधायक परेश पाल ने बयान दिया कि उनकी पांव की स्थिति खराब है. डाक्टर इलाज कर रहे हैं.
वहीं, ममता बनर्जी की चोट के विरोध में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कई जगह प्रदर्शन किए. टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हुगली, हावड़ा, बीरभूम, दक्षिण 24 परगना और जलपाईगुड़ी जिले के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए. इस दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की और बनर्जी के खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाए. टीएमसी और भाजपा के कार्यकर्ताओं के एक समूह के बीच झड़प हुई, लेकिन स्थित को तत्काल काबू में कर लिया गया. इस तरह से बंगाल में ममता की चोट पर विपक्ष दलों की राजनीतिक रणनीति घायल हो गई है.