IIM उदयपुर ने ग्लोबल सप्लाई चैन मैनेजमेंट में MBA के लिए हासिल किया इतने फीसद प्लेसमेंट

उदयपुर: IIM उदयपुर ने 2020-21 के बैच के लिए ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट में एक वर्षीय MBA के लिए 100 फीसदी प्लेसमेंट हासिल कर इतिहास रच दिया है। 2020-21 बैच के स्टूडेंट्स को औसतन 19.27 लाख प्रति वर्ष का CTC प्राप्त हुआ, जिसमें सबसे अधिक पैकेज 34.98 लाख रुपए प्रति वर्ष का है। बता दें कि संस्थान के ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट में MBA के 8 वें बैच को 9 फर्मों से ऑफर प्राप्त हुए हैं, जिनमें 5 रिक्रूटर्स ने पहली दफा संस्थान के साथ साझेदारी की है

कंपनियों में एक्सेंचर स्ट्रेटेजी, बीएनवाई मेलन, ब्रिस्टलकोन, कॉग्निजेंट, दिल्लीवरी, डीपी वल्र्ड, जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड, थॉटवक्र्स और वॉलमार्ट लैब्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अगर सेक्टर-वार ब्रेक-अप की बात की जाए, तो तक़रीबन 37 फीसद ऑफर कंसल्टिंग फर्मों द्वारा प्रदान किए गए, इसके बाद लॉजिस्टिक्स द्वारा 26 फीसद ऑफर, टेक कंपनियों से 26 फीसद और बाकी 11 फीसद ऑफर्स BFSI और मैन्युफैक्चरिंग से प्राप्त हुए।

IIM उदयपुर के स्टूडेंट्स ने सप्लाई चेन, ऑपरेशंस, सोर्सिंग एंड प्रोक्योरमेंट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में एक्सेंचर स्ट्रेटेजी, ब्रिस्टलकोन, और थॉटवक्र्स जैसी कंपनियों में कुछ सर्वाधिक मांग में रहने वाली भूमिकाएं हासिल की हैं। इसके साथ ही, छात्रों को प्रोडक्ट मैनेजमेंट, ऑपरेशंस एक्सीलैंस, सप्लाई चैन और बिजनैस डेवलपमेंट जैसे डोमेन में भी बेहतर प्लेसमेंट प्राप्त हुआ है। बैच के शीर्ष 10 पर्सेन्टाइल ने औसतन 34,97,647 रुपए का CTC हासिल किया है, टाॅप 20 पर्सेन्टाइल ने औसतन 30,83,907 रुपए तथा शीर्ष 50 पर्सेन्टाइल ने औसत 23,33,363 रुपए का CTC प्राप्त किया है।

IIM उदयपुर के डायरेक्टर ने जताई ख़ुशी

आईआईएम उदयपुर के निदेशक प्रो. जनत शाह ने इस सफलता पर ख़ुशी जताते हुए कहा है कि, ‘कारोबार के सभी क्षेत्रों में वैश्विक महामारी की वजह से पैदा हुईं चुनौतियों के बाद भी, बैच को 100 फीसद प्लेसमेंट मिलना बहुत आश्वस्त करता है। यह वास्तव में कार्यक्रम के महत्त्व और उसकी प्रासंगिकता को ही साबित करता है। यह उल्लेखनीय रूप से ऐसे दौर में हुआ है, जब भारत एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, जिसमें ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट में एक साल के MBA जैसे पाठ्यक्रम की उपयोगिता भी प्रमाणित होती है। ऐसे पाठ्यक्रमों के जरिए प्रबंधकीय प्रतिभा से युक्त होनहार विद्यार्थी उद्योग के लिए एक अहम स्रोत साबित हो सकते हैं।’

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