अलीगढ़ में विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर बसपा की तस्वीर साफ, ये छह प्रत्याशी पहली बार उतरेंगे चुनाव मैदान में….
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर अलीगढ़ में बसपा ने तस्वीर साफ कर दी है। सातों विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इनमें हरदुआगंज नगर पंचायत अध्यक्ष तिलकराज सिंह सहित छह प्रत्याशी पहलीबार चुनाव मैदान में उतरे हैं। शहर विधानसभा क्षेत्र से रजियाखान प्रत्याशी हैं, जो कि पहले महापौर का चुनाव लड़ चुकी है। इस चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी ने हराया था।
शहर विधानसभा क्षेत्र
इस क्षेत्र के सपा ने पूर्व विधायक जफर आलम, कांग्रेस ने एएमयू के पूर्व छात्र सलमान इम्तियाज को प्रत्याशी बनाया है। अब बसपा ने रजियाखान को प्रत्याशी घोषित किया है। यह करीब पंद्रह साल से बसपा में है। बसपा में प्रभारी पद पर रही हैं। बसपा से ही राजनीति शुूरू करने वाली रजिया खान ने 1914 में महापौर के लिए चुनाव लड़ी थीं। तब भाजपा प्रत्याशी ने इन्हें हराया था। अलीगढ़ विधानसभा चुनाव में वोटों का जातिगत धुव्रीकरण प्रभावी रहा है। वर्तमान में भाजपा के संजीव राजा विधायक हैं।
कोल विधानसभा क्षेत्र
बसपा ने काेल से मोहम्मद बिलाल को प्रत्याशी बनाया है। ये चुनाव में पहलीबार भाग्य आजमाएंगे। रियल एस्टेट कारोबारी बिलाल पिछले चार साल से बसपा में हैं। पार्टी में कोई बड़ा पद तो नहीं रहा, लेकिन वरिष्ठ नेताओं से इनके अच्छे संबंध रहे। इस सीट से सपा ने सलमान साहिद, कांग्रेस ने विवेक बंसल को प्रत्याशी बनाया है। सलमान पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि विवेक बंसल पार्टी के हरियाणा प्रभारी हैं और कई बार चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार विधायक और एक बार एमएलसी रहे हैं।
खैर विधानसभा क्षेत्र
बसपा ने खैर विधानसभा क्षेत्र से प्रेमपाल सिह जाटव को प्रत्याशी बनाया है। प्रेमपाल पिछले कई साल से बसपा में हैं। इस सीट से रालोद ने पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी को प्रत्याशी बनाया है। वे 2012 में खैर से विधायक बने थे। तब भी रालोद में थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में रालोद ने इनको टिकट नहीं दिया था।
बरौली विधानसभा क्षेत्र
ठाकुर बहुल्य बरौली विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने पंडित नरेंद्र शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। इसकी घोषणा पहले ही एक समारोह के दौरान कर दी गई थी। इस समारोह में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद सतीश चंद्र मिश्रा शामिल हुए थे। उन्होंने ही घोषणा की थी। नरेंद्र शर्मा करीब दो साल से बसपा में हैं। उन पर पार्टी में कोई बड़ा पद तो नहीं रहा, लेकिन पार्टी की राजनीति में खासे सक्रिय रहे हैं। पेशे से ठेकेदार हैं। इस सीट पर अभी किसी अन्य पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। बरौली सीट बसपा के लिए अग्नि परीक्षा साबित होगी। इस सीट से दो बार बसपा के प्रत्याशी जीत चुके हैं। जयवीर सिंह दोनों बार बसपा से विधायक बने, वे अब भाजपा में हैं।
अतरौली विधानसभा क्षेत्र
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बिना इस बार चुनाव हो रहा है। पिछले साल कल्याण सिंह का निधन हो गया। वे इस सीट से दस बार विधायक बने थे। बसपा को यहां से कभी सफलता नहीं मिली। इस बार बसपा ने डा. ओमवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। ओमवीर ओटा के अध्यक्ष हैं। हाल ही में बसपा में शामिल हुए हैं। शहर के एक माहविद्यालय में प्रोफेसर हैं। इस सीट से अभी अन्य किसी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
छर्रा विधानसभा क्षेत्र
ठाकुर बहुल्य छर्रा विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने तिलकराज यादव को प्रत्याशी बनाया है। तिलकराज यादव लंबे समय से बसपा में हैं। हरदुआगंज नगर पंचायत अध्यक्ष हैं। गैस एजेंसी के संचालक हैं। विधानसभा चुनाव पहली बार लड़ेंगे। इस सीट से अभी किसी अन्य पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
इगलास विधानसभा क्षेत्र
जाट बहुल्य इगलास क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरणसिंह के परिवार का दबदबा रहा है। यहां से रालोद के दो प्रत्याशी कई बार विधायक बने हैं। यहां से एक बार बसपा को सफलता मिली थी। 2005 में हुए विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में बसपा से मुकुल उपाध्याय विधायक बने थे। अब मुकुल भाजपा में हैं और कोल से दावेदारी कर रहे हैं। बसपा में इगलास सीट से सुशील कुमार जाटव को प्रत्याशी बनाया है।