उत्तराखंड: एग्जिट पोल से रणनीतिकारों के माथों पर गहराई चिंता की लकीरें
देहरादून, उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के बाद आए एक्जिट पोल ने राजनीतिक दलों के रणनीतिकारों के माथों पर चिंता की लकीरें गहरा दी हैं। अलग-अलग चैनलों व एजेंसियों ने उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस, दोनों को ही बहुमत मिलने का अनुमान अपने-अपने एक्जिट पोल में दिखाया है, जिसने परिणाम को लेकर स्थिति को और अधिक उलझा दिया है। यद्यपि, अब तक बढ़-चढ़कर दावे करते आ रहे कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज सुविधानुसार एक्जिट पोल को अपने पक्ष में परिभाषित कर रहे हैं, मगर सच्चाई यह है कि अंदरखाने त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति की आहट महसूस कर अन्य को अपने खेमे में लाने की जुगत में भी जुट गए हैं।
उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ गत 14 फरवरी को मतदान हुआ था। वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीन-चौथाई से अधिक बहुमत के साथ 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस महज 11 सीटों पर ही सिमट गई। दो सीटें निर्दलीयों के हिस्से आईं। इस बार भाजपा के समक्ष अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती रही, तो कांग्रेस ने पांच साल बाद सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगाया। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हुए चार विधानसभा चुनावों में हर बार सत्ता बदली है, लिहाजा कांग्रेस को यह मिथक इस पांचवें चुनाव में भी कायम रहने का भरोसा है।
राज्य में मतदान के दिन ही स्पष्ट हो गया था कि इस बार भाजपा और कांग्रेस के मध्य कांटे का मुकाबला होने जा रहा है। सोमवार शाम को आए एक्जिट पोल ने भी कुछ इसी तरह के संकेत दिए हैं। कुछ समाचार चैनलों व एजेंसियों ने उत्तराखंड में फिर भाजपा की सरकार बनने का अनुमान पेश किया, तो कुछ चैनलों का एक्जिट पोल कांग्रेस के पक्ष में गया। इतना जरूर है कि भाजपा को कई समाचार चैनल के एक्जिट पोल में पूर्ण बहुमत दिखाया गया, जबकि जिन चैनल ने कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान दिया, उसमें कांग्रेस के बहुमत के नजदीक और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के संकेत हंै।
एक्जिट पोल के अलग-अलग परिणाम के अनुमान ने राजनीतिक दलों को उलझाया तो है ही, अपनी रणनीति को लेकर पुनर्विचार पर भी मजबूर कर दिया है। दोनों ही दल त्रिशंकु विधानसभा की तस्वीर भांपकर इसी के अनुसार रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में बाहरी समर्थन की जरूरत होगी, लिहाजा सर्वमान्य नेतृत्व को आगे करने की तैयारी आरंभ हो गई है। इसी कड़ी में दोनों दलों के वे केंद्रीय नेता देहरादून पहुंचना शुरू हो गए हैं, जो परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम हैं। हां, इतना जरूर है कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा की चिंता अन्य को साथ लाने की है, तो कांग्रेस के समक्ष अपनों को एकजुट रखने की।
-पुष्कर सिंह धामी (मुख्यमंत्री उत्तराखंड) का कहना है कि सभी एक्जिट पोल यही दिखा रहे हैं कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है। एक्जिट पोल में भाजपा को 45 से 47 सीटें तक मिलती दिखाई जा रही हैं। मुझे लगता है कि जब अंतिम परिणाम आएगा, भाजपा को इससे भी अधिक सीटें मिलेंगी। प्रदेश की जनता ने हम पर विश्वास जताया है और हम सरकार बनाएंगे।
-गणेश गोदियाल ( अध्यक्ष उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी) का कहना है कि उत्तराखंड में एक्जिट पोल अलग-अलग तरीके से राजनीतिक दलों को आगे या पीछे दर्शा रहे हैं। पोल आफ पोल को देखा जाए तो यह कांग्रेस के पक्ष में है। चुनाव के नतीजे इनसे भी अलग कांग्रेस के पक्ष में भारी बहुमत के रूप में आने जा रहे हैं। कांग्रेस को जनता से इसी तरह का फीडबैक मिला है।