पूरी दुनिया में बढ़ते मंकीपाक्स के खतरे के बीच, अमेरिका में एक अध्ययन 1580 अमेरिकी वयस्कों पर किया गया

पांच में से एक अमेरिकी अगले तीन महीनों में मंकीपाक्स होने को लेकर कुछ हद तक चिंतित  हैं। बहुत चिंतित लोगों का प्रतिशत 5 फीसदी रहा है, जबकि 81 फीसदी बहुत ज्यादा चिंतित हैं। 41 फीसदी ऐसे हैं जिनको इस रोग के बारे में बिल्कुल भी चिंता नहीं हैं।

अध्ययन से यह भी पता चला है कि एक बड़े बहुमत (69%) को पता है कि मंकीपाक्स आमतौर पर एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।पांच में से एक अमेरिकी अगले तीन महीनों में मंकीपाक्स होने को लेकर कुछ हद तक चिंतित  हैं। बहुत चिंतित लोगों का प्रतिशत 5 फीसदी रहा है, जबकि 81 फीसदी बहुत ज्यादा चिंतित हैं। हालांकि, सर्वे में शामिल लोगों में से एक चौथाई (26 प्रतिशत) यह सुनिश्चित नहीं हैं कि यह सच है या नहीं।पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के कैथलीन हॉल जैमीसन ने एक बयान में कहा- अफ्रीका के कुछ हिस्सों में मंकीपाक्स एक ऐसी बीमारी है, जो दुनिया भर के 75 देशों में फैल गई है, जिसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने 23 जुलाई को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया।

3 में से 2 अमेरिकी यानि 66%अमेरिकी या तो नहीं जानते की मंकीपाक्स क्या है। अमेरिका में 51 फीसदी ऐसे लोग हैं जो मंकीपाक्स वायरस पूरी दुनिया में फैल चूकी है इसपर वह विश्वास ही नहीं करते। जबकि 15 प्रतिशत ऐसे हैं जिनको पता है कि मंकीपाक्स क्या है। 3 में से एक व्यक्ति यानि 34 प्रतिशत लोग सही ढंग से जानते हैं कि मंकीपॉक्स का टीका उपलब्ध है।

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration) ने मंकीपाक्स के संक्रमण को रोकने के लिए एक वैक्सीन का लाइसेंस दिया है और चेचक के संक्रमण को रोकने के लिए चेचक के लिए लाइसेंस प्राप्त एक टीका भी उपलब्ध है।

अध्ययन के लिए, टीम ने 1,580 अमेरिकी वयस्कों का सर्वे किया। सर्वे ने सवालों के जवाब दिए जैसे: कोविड -19 या मंकीपाक्स से संक्रमित होने के बारे में जनता कितनी चिंतित है? क्या जनता को मंकीपाक्स के बारे में बुनियादी जानकारी है? मंकीपाक्स के बारे में गलत सूचना लोगों के पास कितनी है?

क्या है मंकीपाक्स..?

पहला सवाल यही कि मंकीपाक्स क्‍या है। इसका जवाब है कि यह एक वायरल बीमारी है। यह जूनोसिस यानी जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाले वायरस से फैलने वाली ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षण चेचक के रोगियों के समान होते हैं। हालांकि राहत की बात यह कि चिकित्सकीय रूप से यह कम गंभीर है

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