महिला अपराधों में यूपी में कानून में सख्त प्राविधानों व तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं को पूर्ववत बनाए रखने को लेकर विधायक मोना तिवारी की गूंजी विधानसभा में आवाज

प्रतापगढ़। यूपी में महिला अपराधों पर अग्रिम जमानत खत्म करने को स्वागत योग्य ठहराते कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता ने अपराधियों की गिरफ्तारी तय समय सीमा को लेकर दिया जोर* तदर्थ शिक्षकों पर विधायक ने सरकार से मानवीय दृष्टिकोण के तहत फौरन वेतन भुगतान कराए जाने का उठाया अविलंबनीय सवालप्रतापगढ़। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता एवं रामपुर खास की विधायक आराधना मिश्रा मोना ने विधानसभा सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सदन में तदर्थ शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने तथा महिला अपराधों पर यूपी में अग्रिम जमानत नही देने के प्राविधान पर अपने संशोधन प्रस्ताव को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। विधायक आराधना मिश्रा मोना ने सदन में नियम-51 के तहत तदर्थ शिक्षकों को सेवा मे बनाए रखने व उनके वेतन निर्गत करने को लेकर लोक महत्व के अविलम्बनीय प्रश्न के तहत सरकार से गंभीरतापूर्वक कदम उठाये जाने की आवाज उठायी। उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष दो हजार या उसके बाद से नियुक्त तदर्थ शिक्षक पिछले पन्द्रह-बीस वर्षो से निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। उन्होनें यह भी कहा कि इनमें से कुछ शिक्षकों की सेवा पचीस वर्षो से अध्यापन कार्य करते हुए अगले वर्ष सेवानिवृत्त होने की भी स्थिति मे हैं। विधायक मोना ने गृह जनपद प्रतापगढ़ का हवाला देते हुए कहा कि प्रतापगढ़ में जिन तदर्थ शिक्षकों के वेतन का भुगतान हो रहा था उनके वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। वहीं उन्होने उन तदर्थ शिक्षकों का भी जिक्र किया जो अध्यापन कार्य तो कर रहे है किंतु उनके वेतन का भुगतान अब तक नही किया गया है। विधायक आराधना मिश्रा मोना ने सरकार से कहा है कि तदर्थ शिक्षको को इनके परिवार के समक्ष जीवनयापन तथा बच्चों के अंधकारमय भविष्य की चिंता करते हुए सरकार तदर्थ शिक्षकों को अध्यादेश के जरिए हर हाल में सेवा में बनाए रखे। वहीं कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता मोना ने प्रदेश सरकार द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता उत्तर प्रदेश संशोधन विधेयक का स्वागत करते हुए महिला अपराधों की रोकथाम के लिए कानून में संशोधन का सुझाव भी सरकार के समक्ष रखा। विधायक मोना ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध की बढोत्तरी की रोकथाम के लिए अग्रिम जमानत का प्राविधान हटाए जाने के साथ सरकार इस कानून में अपराधियों की गिरफ्तारी की भी समय सीमा निर्धारित करे। उन्होनें कहा कि दुष्कर्म एवं हत्या जैसी महिलाओं के साथ जघन्य वारदात में सही समय पर न्याय दिलाए जाने के लिए पुलिस अपराधियों को चौबीस से अड़तालिस घण्टे मे गिरफ्तारी के लिए कानूनी उपबन्ध के तहत जिम्मेदार बनायी जाय। उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश इस समय अपराध में नंबर एक प्रदेश बन गया है। ऐसे में यूपी सरकार महिला अपराध की रोकथाम के लिए कानून में इतनी सख्ती लाये कि देश में सही समय पर पीडिता को न्याय देने के लिए उत्तर प्रदेश के सख्त कानून की देश भर में चर्चा भी शुरू हो सके। विधायक मोना के विधानसभा में उठाए गए सरकारी ध्यानाकर्षण वक्तव्य की शनिवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी विज्ञप्ति मे दी गयी है।

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