उत्तर कोरिया ने अपने यहां खाद्य पदार्थों की कमी से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवीय समूहों से मदद मांगी है

 संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने अपने यहां खाद्य पदार्थों की कमी से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवीय समूहों से मदद मांगी है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने गुरुवार को कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से खाद्य उत्पादन के संबंध में उपलब्ध कराए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि 2019 में वहां 14 लाख टन खाद्य सामग्री की कमी होने का अनुमान है. इनमें चावल, गेहूं, आलू और सोयाबीन जैसी फसलें शामिल हैं.

दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया में बिगड़ती खाद्य सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सर्वाधिक कमजोर लोगों पर खाद्य सामग्रियों की कमी के प्रभाव को समझने के लिए उत्तर कोरियाई सरकार से ‘अनेक स्तरों पर’ परामर्श ले रहा है, ताकि मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिये जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके. 

आपको बता दें साल 2018 में उत्तर कोरिया में पड़ रही गर्मी फसलों को बुरी तरह प्रभावित हो गई थी. इसका असर वहां चावल, मक्का और अन्य फसलों पर पड़ा था. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेडक्रास एंड रेड क्रिसेंट सोसायटीज ने कहा था कि तब ये आशंका व्यक्त की थी कि इसकी वजह से उत्तर कोरिया में भीषण खाद्य संकट पैदा हो सकता है. 

विश्व में सबसे बड़े आपदा राहत नेटवर्क वाली इस संस्था ने कहा था कि परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के कारण उत्तर कोरिया पहले ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहा है. ऐसे में खाद्य संकट देश की जनता के लिए नई मुसीबत खड़ी कर सकती है.

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