पीएम मोदी गोरखपुर में प्रधानमंत्री कृषि निधि योजना की शुरुआत करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जुलाई, 2016 को गोरखपुर में खाद कारखाने की आधारशिला रखी तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों के सपनों को पर लग गए। अब रविवार को मोदी खाद कारखाने की उसी जमीन पर किसानों को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं।

पीएम मोदी गोरखपुर में प्रधानमंत्री कृषि निधि योजना की शुरुआत करेंगे। इससे उत्तर प्रदेश के सवा दो करोड़ किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये मिलेंगे। मोदी के जरिये भाजपा इन सवा दो करोड़ परिवारों को साधने में जुट गई है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक गढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और दूसरा गढ़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर है। गोरखपुर क्षेत्र में गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, लालगंज, घोसी, बलिया और सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र हैं।

भाजपा ने शनिवार और रविवार को गोरखपुर में किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित कर इस पूरे गढ़ पर नजर टिका दी है। अधिवेशन का उद्घाटन शनिवार को अमित शाह और रविवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह समापन करेंगे। मोदी इसी आयोजन में बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। इसमें देश भर के किसान प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं लेकिन, भाजपा का असली मकसद उत्तर प्रदेश के किसानों को एकजुट करना है।

विधानसभा चुनाव से पहले कर्जमाफी का वादा कर भाजपा ने किसानों का दिल जीता और सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में ही कर्जमाफी कर दी। किसानों के बीच बड़ा भरोसा कायम करने के लिए भाजपा ने गोरखपुर को चुना है, जहां बाढ़, बेरोजगारी, महामारी और बदहाली आजादी के बाद से ही चली आ रही है।

भाजपा गोरखपुर क्षेत्र के अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह और क्षेत्रीय मंत्री अजय तिवारी कहते हैं कि भाजपा की सरकार आने के बाद इस अंचल की तस्वीर बदली है। किसानों को यह भरोसा है कि मोदी जो कहते हैं, इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश अपने भविष्य के लिए भाजपा को मजबूती देगा।

लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 में 74 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर भाजपा पूर्वी उत्तर प्रदेश में जमीन पुख्ता करने में जुट गई है। इस बीच सपा-बसपा के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया और गोरखपुर क्षेत्र की 13 सीटों में पांच सीटें सपा और आठ बसपा के हिस्से में आई हैं। पिछली बार भाजपा ने इस क्षेत्र की आजमगढ़ संसदीय सीट छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों में कब्जा जमा लिया था।

भाजपा ने अबकी बार आजमगढ़ पर भी निगाह टिका दी है। सपा-बसपा के जातीय समीकरण को ध्वस्त करने के लिए भाजपा ने किसान कार्ड चलाने का उपक्रम कर लिया है। 

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