राहुल गांधी बोले- भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी की तरह जल्दबाजी में नहीं लाए ‘न्याय योजना’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘न्याय योजना’ की घोषणा कर बड़ा दांव खेला है। हालांकि, भाजपा जहां न्याय योजना को चुनावी पैंतरा बता रही है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि ये लोकसभा चुनाव 2019 में गेम चैंजर साबित होगी। राहुल गांधी का कहना है कि न्याय योजना गरीबों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में भी मददगार साबित होगी।
राहुल गांधी ने न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘देखिए, ऐसा भम्र फैलाया जा रहा है कि न्याय योजना से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। न्याय योजना से देश की अर्थव्यवस्था के चक्र को शक्तिशाली शुरुआत मिलेगी, जो लंबा सफर तय करेगी। हालांकि, हम यह नहीं कह रहे हैं कि इस योजना से तुरंत गरीबी खत्म हो जाएगी। गरीबी को खत्म करना एक बड़ा लक्ष्य है, जिसे धीरे-धीरे ही प्राप्त किया जाएगा।’
ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने न्याय योजना की घोषणा जल्दबाजी में लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए कर दी है। लेकिन राहुल गांधी ने बताया, ‘हमने भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी की तरह न्याय योजना की घोषणा नहीं की है। इस योजना के बारे में कई अर्थशास्त्रियों से सलाह ली गई है। पिछले छह महीने से हम इस योजना पर काम कर रहे हैं। इसलिए जल्दबाजी का कोई सवाल ही नहीं उठता है। हमारे पास न्याय को लागू करने के लिए पूरी योजना है। आप देखिएगा सत्ता में आने के छह महीने के भीतर इस जमीन पर उतार दिया जाएगा।’
केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर एनडीए सरकार पिछले पांच सालों में सही तरीके से काम करती, तो आज देश में गरीबी अपने अंतिम दौर में होती। लेकिन अब भी देर नहीं हुई है। हमने लक्ष्य तय कर लिया है। देश से गरीबी को मिटाना है। हम सत्ता में आने के बाद ये करके दिखाएंगे। इस योजना के जरिए हम देश के गरीबों को न्याय देंगे। गरीबी को मिटाने के हमारे इरादों को देखकर भाजपा की चिंताएं बढ़ गई हैं। नोटबंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था में जो रुकावट आई है, न्याय योजना के जरिए उसे फिर से रफ्तार मिलेगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने देश के पांच करोड़ गरीब परिवारों को गरीबी से निकालने के लिए प्रति वर्ष 72,000 रुपये देने का वादा किया है। राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो छह महीने के भीतर ये योजना लागू कर दी जाएगी।