इंडोन‍ेशिया दुनिया के तीसरे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान शुरू, 19.3 करोड़ मतदाता करेंगे मतदान

दुनिया के तीसरे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश इंडोनेशिया में बुधवार को संसद के साथ राष्‍ट्रपति व उपराष्‍ट्रपति के लिए मतदान शुरू हो गया है। देश के इतिहास में पहली बार आम चुनाव के साथ ही राष्‍ट्रपति और उप राष्‍ट्रपति का चुनाव हो रहे हैं। इस लिहाज से इंडोनेशिया के इतिहास में यह सबसे बड़ा चुनाव है। मुस्लिम बहुसंख्‍यक राष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति जोको विडोडो का मुकाबला पूर्व सेना प्रमुख प्राबोवो सुबिआंतो से है। 

करीब 2,45,000 उम्‍मीदवार मैदान में

इस चुनाव में करीब 19 करोड़ 30 लाख मतदाताओं ने अपना रजिस्‍ट्रेशन कर रखा है। देश भर में करीब आठ लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इस चुनाव में करीब 2,45,000 उम्‍मीदवार मैदान में हैं। इंडोनेशिया के समयानुसार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया है। मतदान दोपहर एक बजे तक चलेगा। मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतगणना का काम शुरू होगा। 
राष्‍ट्रपति के लिए एक बार फ‍िर जोको विडोडो चुनावी मैदान में हैं। यहां के ज्‍यादातर ओपीनियन पोल में देश की अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने वाले विडोडो को सुबिआंतो कड़ी टक्‍कर दे रहे हैं। हालांकि, विडोडो को विपक्षी उम्‍मीदवार सुबिआंतो पर दो अंकों की बढ़त दिखा रहे रहे हैं। ओपीयिन पोल की मानें तो जोको ने विपक्षी  प्रतिद्वंदियों पर बढ़त बनाई हुई है। बता दें‍ कि वर्ष 2014 के राष्‍ट्रपति चुनाव में विडोडो ने सुबिआंतो को शिकस्‍त दी थी।

जोको का पांच वर्ष का कार्यकाल, विपक्ष ने घेरा 

जोको अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान लोगों में ढांचागत विकास और सामाजिक कल्‍याण के लिए समर्पित राष्‍ट्रपति की छवि बनाने में सफल हुए हैं। लेकिन विपक्ष उन पर भ्रष्‍टाचार और मानवाधिकार उल्‍लंघन का आरोप लगा रहे हैं। जोको पर राज्‍य संस्‍थानों को व्‍यक्तिगत हितों के रूप में इस्‍तेमाल करने का भी आरोप है।

देश में मतदान करना एक जटिल प्रक्रिया 

इंडोनेशिया की भौगोलिक और सामाजिक संरचना के चलते यहां मतदान कराना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। सैकड़ों जातीय समूहों और भाषाओं वाले इस देश में मतदान कराना एक दुष्‍कर कार्य है। 17 हजार द्वीपों वाले इस देश में कहीं जंगल तो कहीं ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं। यहां मतदान पेटियों को पहुंचाना और लोगों को मतदान केंद्र तक लाना एक बड़ी चुनौती है। चुनाव में लगे लोग मोटरवाइकों, नावों, विमानों के साथ हाथियों एवं घोड़ों से मतपेटियों को गंतब्‍य स्‍थान तक पहुंचाए हैं। ताकि पर्वतों और जंगलों तक मतदान की प्रक्रिया को पूरी कराया जा सका।   

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