मुंबई ने रचा इतिहास, चेन्नई को एक रन से हराकर चौथी बार जीता खिताब
इंडियन प्रीमियर लीग 2019 के फाइनल मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपरकिंग्स को एक रन से हराकर चौथी बार खिताब पर अपना कब्जा किया. हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए मैच में चेन्नई के गेंदबाजों ने पहले बल्लेबाजी करने वाली मुंबई को 20 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 149 रनों पर रोक दिया था.
चेन्नई के लिए आखिरी ओवर तक सब सही जा रहा था लेकिन शेन वॉटसन (80) के रन आउट होने से बाजी पलट गई. आखिरी गेंद पर चेन्नई को जीत के लिए दो रन चाहिए थे. लसिथ मलिंगा ने इसी गेंद पर शार्दूल ठाकुर को एलबीडबल्यू आउट करा मुंबई के खाते में चौथा आईपीएल खिताब डाला. चेन्नई 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 148 रन ही बना सकी.
वॉटसन ने 59 गेंदों पर आठ चौके और चार छक्के मारे. वाटसन को इस मैच में तीन जीवनदान भी मिले, लेकिन वह फिर भी चेन्नई को जीत नहीं दिला पाए.
इसी के साथ मुंबई ने एक बार फिर चेन्नई को फाइनल जीतने से रोक दिया. यह चौथी बार था तब चेन्नई और मुंबई फाइनल खेल रही थीं जिसमें से तीन बार मुंबई को जीत मिली है.
150 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई ने तेज शुरुआत की लेकिन मुंबई ने तुरंत वापसी करते हुए उसे परेशान किया. लगातार बड़े शॉट मार रहे फाफ डु प्लेसिस (26) को क्रुणाल पांड्या ने क्विंटन डी कॉक के हाथों स्टम्पिंग कराया. वह 33 के कुल स्कोर पर आउट हुए. वाटसन और सुरेश रैना (8) ने टीम का स्कोर 70 तक पहुंचाया. रैना इसी स्कोर पर आउट हो गए. इसके बाद अंबाती रायडू (1) जसप्रीत बुमराह का शिकार बने तो महेंद्र सिंह धोनी (2) को ईशान किशन ने डायरेक्ट हिट पर आउट कर पवेलियन भेजा.
चेन्नई का स्कोर चार विकेट पर 82 रन था. यहां वाटसन ने एक छोर संभाले रखा और टिके रहे. उन्होंने 16 और 18वें ओवर में 20-20 रन ले चेन्नई को रेस में बनाए रखा. वाटसन का साथ दे रहे ड्वयान ब्रावो (15) 19वें ओवर में आउट हो गए.
आखिरी ओवर में चेन्नई को नौ रनों की जरूरत थी. वाटसन के रहने से चेन्नई की जीत की उम्मीदें बरकरार थीं लेकिन चौथी गेंद पर रन लेने को लेकर हुई असमंजस में वॉटसन रन आउट हो गए. अगली दो गेंदों पर चार रन चाहिए थे. ठाकुर ने पांचवीं गेंद पर दो रन लिए, लेकिन आखिरी गेंद पर अंपायर द्वारा एलबीडबल्यू करार दे दिए गए और चेन्नई को हार मिली.
इससे पहले बल्लेबाजी की दावत मिलने पर पहली पारी खेलने उतरी मुंबई बड़ा स्कोर नहीं कर पाई.
आखिरी के पांच ओवरों में केरन पोलार्ड के रहते हुए मुंबई 47 रन ही बना पाई और इस दौरान उसने तीन विकेट खो दिए. पोलार्ड ने आखिरी ओवर की आखिरी दो गेंदों पर दो चौके मारे लेकिन इससे पहले इसी ओवर में ड्वायन ब्रावो ने उन्हें रोके रखा. पोलार्ड ने 25 गेंदों पर नाबाद 41 रनों की पारी खेली जिसमें तीन चौके और तीन छक्के शामिल रहे.
चेन्नई के लिए दीपक चाहर ने तीन विकेट लिए. शार्दूल ठाकुर और इमरान ताहिर को दो-दो सफलताएं मिलीं.
रोहित शर्मा (15) और क्विंटन डी कॉक (29) ने शुरुआत से तेजी दिखाई और ठाकुर तथा चाहर पर बड़े शॉट्स लगाए. दोनों की आक्रामकता ज्यादा देर रह नहीं पाई. ठाकुर ने 45 के कुल स्कोर पर डी कॉक को आउट किया तो इसी स्कोर पर अगले ओवर में चाहर ने रोहित को महेंद्र सिंह धोनी के हाथों कैच कराया.
उसे युवा बल्लेबाज ईशान किशन और मुंबई के अनुभवी खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव ने स्कोरबोर्ड चालू रखा. इन दोनों ने 11 ओवरों में मुंबई के स्कोरबोर्ड पर दो विकेट के नुकसान पर 80 टांग दिए थे. चेंज पर गेंदबाजी करने आए ताहिर के ओवर की दूसरी गेंद पर सूर्यकुमार बोल्ड हो गए. सूर्यकुमार ने 17 गेंदों पर एक चौके की मदद से 15 रन बनाए.
धोनी ने गेंदबाजी में बदलाव करते हुए ठाकुर को बुलाया जो सफल रहा. ठाकुर ने अपनी ही गेंद पर तकरीबन 50-60 मीटर भाग कर क्रुणाल (7) का कैच पकड़ मुंबई को चौथा झटका दिया. कुछ देर बाद किशन (23) ताहिर की गेंद को लंबा मारने की कोशिश में मिसहिट कर बैठे और सुरेश रैना ने उनका कैच पकड़ा.
मुंबई का स्कोर 15 ओवर बाद पांच विकेट के नुकसान पर 102 रन था. अब मैदान पर मुंबई की अंतिम ओवरों की विशेषज्ञ जोड़ी केरन पोलार्ड-हार्दिक पांड्या (10) की थी. यह जोड़ी कुछ खास नहीं कर पाई. रैना ने 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर हार्दिक का आसान का कैच छोड़ उन्हें एक जीवनदान दिया जिसका फायदा हार्दिक नहीं उठा सके और अगले ओवर में चाहर का शिकार बने. इसी ओवर में चाहर ने अपने भाई राहुल चाहर को बिना खाता खोले पवेलियन भेज मुंबई का स्कोर सात विकेट पर 140 रन कर दिया.
आखिरी ओवर में ब्रावो ने ज्यादा रन खर्च नहीं किए और मुंबई की बड़े स्कोर की आस धरी रह गई.