अगर हाईस्कूल से पीजी तक नंबर कम तो पीएचडी से जाएंगे चूक

इलाहाबाद विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कॉलेजों में पीएचडी में होने वाले दाखिले में अब हाईस्कूल से लेकर परास्नातक (पीजी) में मिले नंबर की भी अहमियत होगी। पीएचडी में अंतिम तौर पर जिन 75 नंबर के आधार पर दाखिला दिया जाएगा, उनमें से बीस नंबर हाईस्कूल से पीजी तक में मिले अंकों के आधार दिए जाएंगे।

इविवि प्रशासन ने इस वर्ष से पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया बदल दी है। यूजीसी 2016 रेगुलेशन के मुताबिक कई अहम बदलाव किए गए हैं, इनमें से एक अभ्यर्थी के एकेडमिक परफार्मेंस पर नंबर देना भी है। इविवि और कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पहले चरण में संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) होगी। क्रेट कमेटी इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की सूची घोषित करेगी।

नए रेगुलेशन के मुताबिक पीएचडी में प्रवेश 75 नंबर के आधार पर दिया जाएगा। इसमें से 20 नंबर एकेडमिक परफार्मेंस यानी हाईस्कूल से पीजी तक मिले अंकों के आधार पर दिए जाएंगे। शेष 50 नंबर में 70 प्रतिशत यानी 35 नंबर क्रेट में मिले अंकों के आधार पर दिए जाएंगे जबकि 30 प्रतिशत यानी 15 नंबर का इंटरव्यू होगा। क्रेट में अभ्यर्थियों को जितने नंबर मिलेंगे, उसे अधिकतम 35 नंबर में परिवर्तित कर दिया जाएगा। एकेडमिक परफार्मेंश पर जो 20 नंबर दिए जाएंगे उनमें दो नंबर हाईस्कूल में मिले नंबर के आधार पर दिया जाएगा। हाईस्कूल में 50 प्रतिशत से कम नंबर पर कोई नंबर नहीं दिया जाएगा।

50 प्रतिशत से अधिक और 60 प्रतिशत से कम पर एक नंबर मिलेगा जबकि 60 प्रतिशत से अधिक पर दो नंबर दिया जाएगा। इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर तीन नंबर दिए जाएंगे। इंटर में 50 प्रतिशत से कम अंक पर एक, 50 प्रतिशत से अधिक और 60 प्रतिशत से कम पर दो तथा 60 प्रतिशत से अधिक पर तीन नंबर दिया जाएगा। स्नातक के अंकों के आधार पर पांच नंबर दिए जाएंगे।

स्नातक में 50 प्रतिशत से कम पर दो नंबर दिए जाएंगे जबकि 50 से अधिक और 60 प्रतिशत से कम पर तीन और 60 प्रतिशत से अधिक नंबर पर पांच नंबर दिए जाएंगे। परास्नातक के अंकों पर 10 नंबर दिए जाएंगे। परास्तानक में 50 से अधिक और 55 प्रतिशत से कम पर पांच, 55 से अधिक और 60 प्रतिशत से कम पर सात और 60 प्रतिशत से अधिक पर 10 नंबर दिए जाएंगे। नेट/स्लेट पर तीन और जेआरएफ पर पांच नंबर दिया जाएगा। स्पष्ट है कि जिन अभ्यर्थियों के हाईस्कूल से पीजी तक कम नंबर होंगे उनकी मेरिट प्रभावित हो सकती है क्योंकि कुल 75 नंबर में इन बीस नंबर की काफी अहमियत होगी।

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