NATO में पाकिस्‍तान का प्रलाप, पुलवामा हमले के बाद साख सुधारने में जुटा पड़ोसी मुल्‍क

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने सोमवार को उत्‍तरी अटलांटिक संधि संगठन North Atlantic Treaty Organisation (NATO) के महासचिव जेन्‍स स्‍टोलटेनबर्ग से मुलाकात की। कुरैशी ने नाटो महासचिव के साथ नई दिल्‍ली और इस्‍लामाबाद के बीच उपजे तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर वार्ता की।

नाटो महासचिव से कुरैशी की मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब जापान में जी-20 की बैठक होने वाली है। दूसरे, 25 जून को अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर आएंगे। इस बैठक में अमेरिका और चीन समेत तमाम विकसित मुल्‍क शिरकत करेंगे। इस अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर भारत आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्‍तान को जरूर घेरेगा। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्‍तान पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है। ऐसे में वह अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपने छवि को सुधारने में जुटा है। नाटो महासचिव से कुरैशी की मुलाकात इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है।

जियो न्‍यूज ने बताया कि कुरैशी और स्‍टोल्‍टेनबर्ग की मुलाकात बेल्जियम स्थित नाटो के मुख्‍यालय में हुई। कुरैशी ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्‍तान के प्रति भारत का रवैया नकारात्‍मक और विरोधी रहा है। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में इस्‍लामाबाद की शांति पहल के प्रति भारत का ीरूख असहयोगात्‍मक रहा है। स्‍टोल्‍टेनबर्ग के साथ वार्ता के बाद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्‍तान और नाटो के बीच परस्‍पर समझ और संगठन के साथ बेहतर संबंधों के लिहाज से यह मुलाकात काफी सकारात्‍मक रही। इस बीच नाटो महासचिव ने अफगानिस्‍तान में शांति और स्थिरता के के लिए पाकिस्‍तान के प्रयासों  और उसके बलिदानों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि दक्षिण और मध्‍य एशियाई क्षेत्र में शांति के लिए पाकिस्‍तान ने अहम भूमिका निभाई है।

रेडियो पाकिस्‍तान के हवाले से कहा गया है कि कुरैशी रविवार को यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए उच्‍च प्रतिनिधि के साथ ‘लांग टर्म स्‍ट्रैटेजिक एंगजमेंट डायलॉग’ समझौते पर हस्‍ताक्षर करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर ब्रसेल्‍स गए हैं। अपनी यात्रा के पूर्व कुरैशी ने कहा कि पाकिस्‍तान नाटो के साथ निरंतर सहयोग कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि हमने अफगानिस्‍तान से संबंधित मामलों में अमेरिका और नाटो सेना की अभूतपूर्ण सहयोग किया है।

 

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