बेलगाम हुआ डेंगू, दून में व्यापारी समेत चार की मौत
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चाहे जो दावा करें, पर यह किसी से नहीं छिपा है कि डेंगू अब बेलगाम होता जा रहा है। शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश में डेंगू पीड़ित छह वर्षीय बालक और एक व्यापारी की मौत हो गई। वहीं, देहरादून में भी दो अलग-अलग अस्पतालों में दो लोगों की मौत हुई है। जिसके बाद प्रदेश में डेंगू के मरीजों की मौत का आंकड़ा आठ पहुंच गया है।
डेंगू पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जहां एक तरफ स्थिति सामान्य दिखाने की कोशिश कर रहे थे, इस बीमारी के कारण चार और लोगों ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार ऋषिकेश में तिलक मार्ग निवासी एक छह वर्षीय बच्चे को डेंगू बुखार की शिकायत होने पर एम्स में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, तिलक मार्ग निवासी 45 वर्षीय व्यापारी की भी एम्स में मौत हो गई।
अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि डेंगू पीडि़त व्यापारी का लिवर फेल हो गया था। जिस कारण उनकी मृत्यु हो गई। वहीं बच्चा पिछले कई दिनों से डेंगू से पीड़ित था। उसे गुरुवार रात एम्स में लाया गया था। उपचार के बावजूद उसकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई और कार्डियक अरेस्ट से उसकी मृत्यु हो गई।
इधर, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में डेंगू पीड़ित 50 वर्षीय व्यक्ति की शुक्रवार शाम मौत हो गई। वह पांवटा साहिब के रहने वाले थे। अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि मरीज का पहले पांवटा में ही उपचार चल रहा था। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें यहां रेफर कर दिया गया। शुक्रवार सुबह उन्हें इमरजेंसी में लाया गया तो उनके प्लेटलेट्स 25 हजार से कम थे और ब्लीडिंग हो रही थी। शाम के वक्त उनकी मौत हो गई।
न केवल उनकी पहले की रिपोर्ट में बल्कि अस्पताल में कराई गई जांच में भी डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं, अजबपुर कलां निवासी 79 वर्षीय एक व्यक्ति की भी डेंगू के कारण मौत हुई है। उनका कैलाश अस्पताल में उपचार चल रहा था। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आतिश सिन्हा ने मरीज को डेंगू होने की पुष्टि की है।
देहरादून में 21 और लोग डेंगू की चपेट में
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा करते थक नहीं रहे हैं कि डेंगू की बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, पर दिन-प्रतिदिन डेंगू विकराल होता जा रहा है। देहरादून में 21 और लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। इनमें 10 पुरुष व 11 महिलाएं शामिल हैं।
इस तरह जनपद देहरादून में अब तक यह संख्या 883 हो गई है। देहरादून की तरह नैनीताल, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, टिहरी, अल्मोड़ा व पौड़ी भी डेंगू का मच्छर सक्रिय है।
प्रदेश में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा चौदह सौ के पार पहुंच गया है। रोजाना डेंगू के नए मरीज सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की भी नींद उड़ी हुई है। इतना जरूर कि विभागीय अधिकारी बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम/तैयारियों का दावा कर कुछ हद तक सकून महसूस कर रहे हैं। जबकि धरातल पर स्थिति इससे ठीक उलट है।
डेंगू की बीमारी फैलाने वाला मच्छर एक तरफ जिम्मेदार महकमों के इंतजामों को पलीता लगा रहा है, वहीं मौसम का मौजूदा मिजाज मच्छर के पनपने के लिए मुफीद साबित हो रहा है। यही वजह कि डेंगू का मच्छर पहाड़ व मैदान में तेजी से पैर पसार रहा है। बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अक्सर यह कहते दिख रहे हैं कि डेंगू को लेकर भ्रम व भय की स्थिति है।
यानी विभागीय अधिकारियों का मानना है कि डेंगू को लेकर जिस तरह का भय बना हुआ है वास्तविक स्थिति ऐसी नहीं है। यह बयान तब आ रहे हैं जब सच धरातल पर साफ दिख रहा है।
टीम ने किया सर्वे
स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम व अन्य विभागों की संयुक्त टीमों ने शुक्रवार को रक्षा विहार, वाणी विहार, यमुना कॉलोनी आदि क्षेत्रों का भ्रमण किया। घर-घर पहुंचकर डेंगू मच्छर के लार्वा का सर्वे किया गया। जिन 580 घरों में लार्वा सर्वे किया गया उनमें से 40 घरों में लार्वा मिला है, जिसको मौके पर ही नष्ट किया गया।
पॉश कॉलोनियां हो या फिर गली-मोहल्ले व मलिन बस्तियां सभी जगह लोगों को डेंगू से बचाव को जागरूक किया जा रहा है। अलग-अलग स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर बुखार/वायरल की चपेट में आए लोगों को दवा भी वितरित की जा रही है। यही नहीं संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जा रहे हैं।