दवाइयों के मूल्य में होगा बदलाव, सरकार लेगी नए फैसले
बहुत जल्दी 5 रूपये में मिलने वाली डोज मूल्य नियंत्रण सूची से बहार कर दी जाएगी, सरकार और दवा उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, देश की आवश्यक दवा की राष्ट्रीय सूची नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन को अपडेट किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो दवा निर्माता इन दवाओं की कीमतों में हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ोतरी कर सकेंगे।
देश की दवाओं के मूल्य के नियंत्रण को लेकर गठित स्थायी राष्ट्रीय समिति (स्टैंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन) साल 2015 में तैयार हुई जरुरी दवाओं की सूची को अब अपडेट कर सकती है। इसके लिए समिति और हितधारकों की बैठक चार नवंबर से शुरू हो गई। फिलहाल देश के एक करोड़ छत्तीस लाख रुपए के घरेलू दवा बाजार में से 19 फीसदी मूल्य नियंत्रण के सम्बन्ध में आता है। इसमें से भी चार से पांच फीसदी ऐसी दवाएं हैं, जिनकी कीमत पांच रुपए प्रति डोज से भी कम है।
लंबे समय से थी मांग- एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दवा उद्योग लगभग एक साल से पांच रुपए से कम प्रति डोज वाली दवाओं को मूल्य नियंत्रण सूची से बाहर किए जाने की मांग कर रहा था। उद्योग के प्रतिनिधियों ने इसके लिए सरकार से मुलाकात भी की थी। बाजार में मौजूद प्रतिस्पर्धा इन दवाओं की कीमत को नियंत्रण में रखने को काफी है। नई सूची तैयार करने वाली टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि इंडस्ट्री के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।