हरियाणा सरकार ने जिला परिवाद और शिकायत निवारण समितियों का किया पुनर्गठन
हरियाणा में सरकार गठन के बाद नए सिरे से जिला परिवेदना एवं शिकायत निवारण समितियों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले कार्यकाल की तरह इस बार भी गुरुग्राम जिला शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष होंगे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को फरीदाबाद तथा पानीपत जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गृह मंत्री अनिल विज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृह क्षेत्र रोहतक तथा पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के गृह क्षेत्र सिरसा में आमजन की शिकायतें सुनेंगे।
सभी जिलों में मंत्रियों को सौंपी गई कमेटी की कमान, दुष्यंत चौटाला संभालेंगे पानीपत व फरीदाबाद
सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने जिला शिकायत निवारण कमेटियों का पुनर्गठन कर दिया है। कमेटियों को मासिक बैठकों का आयोजन करके जनता की शिकायतों का निवारण करने के निर्देश दिए गए हैं। अब प्रदेश सरकार जिला स्तर पर इन कमेटियों के सदस्य नियुक्त करेगी। इन नियुक्तियों के माध्यम से भाजपा व जजपा द्वारा अपने कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय नेताओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
इकलौती महिला मंत्री कमलेश ढांडा को एक तो बाकी सभी मंत्रियों को दो जिलों का प्रभार
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को मुख्यमंत्री के गृह जिला करनाल तथा गृह मंत्री अनिल विज के जिले अंबाला की जिम्मेदारी दी गई है। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा सोनीपत व कैथल जिला शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष होंगे। बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के पुराना क्षेत्र हिसार तथा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के जिला फतेहाबाद की जिम्मेदारी मिली है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल को चरखी दादरी तथा पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा का पैतृक जिला महेंद्रगढ़ अलाट किया गया है। सहकारिता मंत्री डॉ.बनवारी लाल नूंह तथा पलवल जिला शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष होंगे। राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव को रेवाड़ी तथा झज्जर, महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा को कुरुक्षेत्र जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जजपा कोटे से एकमात्र मंत्री अनूप धानक को भिवानी तथा जींद जिलों का अध्यक्ष बनाया गया है। खेल मंत्री संदीप सिंह को पंचकूला तथा यमुनानगर जिलों की जिम्मेदारी मिली है।
मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक इन कमेटियों के गठन का मुख्य उद्देश्य जनता के प्रतिनिधियों की जनता के बीच मौजूदगी को सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ जनता को विभागीय तथा प्रशासनिक समस्याओं से छुटकारा दिलाना है। यह समितियां तुरंत प्रभाव से सक्रिय होंगी।