Cyrus Mistry को लेकर NCLAT के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली। सायरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के NCLAT के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को टाटा संस द्वारा इस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह रोक लगाई है। सुनवाई के लिए यह मामला सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था। अपनी याचिका में टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) ने कहा था कि मिस्त्री को एक्जीक्यूटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट)का आदेश कॉरपोरेट डेमोक्रेसी और निदेशक बोर्ड के अधिकारों का हनन है।

याचिका पर पैरवी के लिए टाटा ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं अभिषेक मनु सिंघवी, हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी और मोहन परासरन को चुना था। टाटा संस ने एनक्लैट के 18 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसने सायरस मिस्त्री को बड़ी राहत देते हुए उन्हें टाटा समूह के चेयरमैन के पद पर बहाल करने को कहा था। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहते हुए NCLAT के फैसले पर रोक लगा दी कि NCLAT ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए एक गलती कर दी कि पूरे घटनाक्रम में पद को फिर से देने की मांग नहीं की गई थी।

सायरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मिस्त्री और अन्य प्रतिवादियों ने कैविएट दायर किया है कि इस मामले में कोई भी एकतरफा आदेश पारित नहीं किया जाए।

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