रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से नकदी का संकट पैदा होने और उससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए कमर कस लिया है. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने सिस्टम में अतिरिक्त 1 लाख करोड़ रुपये डालने, 2 अरब डॉलर की खरीद—बिक्री जैसे कई योजनाएं तैयार की हैं.

RBI ने सोमवार को और अधिक लांग टर्म रेपो ऑपरेशन (LTRO) का संचालन करने का निर्णय लिया. RBI ने पहले ही 17 और 24 फरवरी, एक और नौ मार्च 2020 को LTRO का संचालन आरंभ कर दिया है. LTRO का संचालन तीन वर्ष की आशय अवधि के लिए किया जाता है. मीडिया को जानकारी देते हुए RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नए LTRO का संचालन किया जाएगा, जिसके माध्यम से कई हिस्सों में एक लाख करोड़ रुपये सिस्टम में डाला जाएगा.
वित्तीय भाषा में LTRO बैंकों के लिए कर्ज की एक स्कीम है जिसके तहत RBI मौजूदा रेपो रेट पर कर्ज देता है. इस तरह की कवायद आमतौर पर बैंकों को उनके कुछ कर्ज का भुगतान करने से राहत प्रदान करने के लिए की जाती है. इससे बैंकिंग सेक्टर में नकदी के प्रवाह को प्रोत्साहन मिलता है.

