शरजील इमाम के खिलाफ योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
भड़काऊ भाषण देने वाले जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल किया है. सरकार ने ये हलफनामा FIR की जांच एक ही एजेंसी से कराने की याचिका पर दाखिल किया है. हलफनामे में सरकार ने कहा, ‘शरजील इमाम के खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को दिल्ली, मणिपुर, असम या अरुणाचल प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए.’
यूपी सरकार ने कहा, ‘यूपी में दर्ज FIR अलग है क्योंकि अलीगढ़ में शरजील के 16 जनवरी के भाषण ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ दिया था. अगले दो महीने बड़े पैमाने पर आगजनी, पथराव और पुलिस पर गोलीबारी हुई.’ योगी सरकार ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान आरोपी के भाषण का अलग-अलग स्थानीय प्रभाव हुआ. इसलिए ये उन अपराधों से अलग है जो अन्य राज्यों में किए गए थे जैसा कि उन एफआईआर में दिखाया गया है.
राज्य सरकार ने कहा कि 16 जनवरी को एएमयू में भडकाऊ भाषण के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल होने के बाद अलीगढ़ जिले में बड़े पैमाने पर पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं. 23 जनवरी को, एएमयू छात्रों सहित लगभग 150-200 प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम की और घृणा संबंधी नारे लगाए.
हलफनामे में कहा गया, ’31 जनवरी को, एएमयू के छात्रों सहित 500 से अधिक व्यक्तियों ने इकट्ठा होकर सीएए प्रदर्शन के लिए भयावह स्थिति पैदा कर दी. 23 फरवरी को, 500-600 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों ने पथराव किया. मंदिरों में दान पेटी लूटी. मंदिर के पुजारियों के साथ हाथापाई की, जिससे तनाव और बढ़ गया. 23 फरवरी को फिर से, एक पूर्व-योजनाबद्ध तरीके से एक हजार से अधिक व्यक्तियों ने कोतवाली उपकोट में जबरन प्रवेश किया और अवैध हथियारों से गोलीबारी करके दंगे की स्थिति पैदा कर दी.’
शरजील इमाम ने अन्य शहरों के लोगों को उकसाया- दिल्ली पुलिस
यूपी सरकार ने कहा ’24 फरवरी को, एक मंडली ने नफरत फैलाने वाले नारे लगाए. पुलिस पर पथराव किया और उन पर गोलीबारी की. अवैध हथियारों से कई पुलिसकर्मियों को घायल किया गया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. अलीगढ़ एफआईआर को दिल्ली और अन्य राज्यों में दर्ज एफआईआर के साथ जोड़ना, अलीगढ़ में शरजील के भड़काऊ भाषण और उसके बाद की घटनाओं के साथ लिंक की जांच के लिए घातक होगा, जिसने सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट कर दिया और समुदायों के बीच नफरत पैदा की.’
वहीं, दिल्ली पुलिस ने भी इमाम के खिलाफ दर्ज FIR को एक साथ करने का विरोध किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इमाम दो प्रकार के अपराधों में शामिल था- एक राज्य के खिलाफ और दूसरा जनता के खिलाफ, जो उनके भाषणों से उकसाए गए थे. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इमाम के भड़काऊ भाषण की वजह से दिल्ली के अलावा अन्य शहरों के लोगों को भी उकसाया गया.