एम्स ऋषिकेश में एक नर्सिंग ऑफिसर सहित चार लोगों पाए गए कोरोना संक्रमित, नहीं पाए गए थे कोई लक्षण
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में एक नर्सिंग ऑफिसर सहित चार लोगों की कॉविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। निर्मल बाग ऋषिकेश निवासी 29 वर्षीय नर्सिंग ऑफिसर कार्डियोलॉजी विभाग में तैनात है। 25 जून को उनका सैंपल लिया गया था। इनमें कोविड के कोई लक्षण नहीं पाए गए।
सोमवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन्हें कोविड-19 वार्ड में भर्ती किया गया है। एक अन्य मामले में इंदिरा नगर ऋषिकेश निवासी 29 वर्षीय एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 26 जून को बिना लक्षण वाले इस पेशेंट को दर्द की शिकायत होने पर एम्स में भर्ती किया गया। पथरी की शिकायत वाले इस पेशेंट को उसी रोज डिस्चार्ज कर दिया गया था। सैंपल लेने के बाद होम क्वारंटाइन पर भेजा गया था। हेल्थ सुपरवाइजर एसएस यादव ने बताया कि यह व्यक्ति वर्तमान में गंगा नगर ऋषिकेश स्थित आपने ससुराल में रह रहा है। उसके ससुराल से 14 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इनके अलावा मोतीचूर रायवाला निवासी 40 वर्षीय एक व्यक्ति 26 जून को एम्स की ओपीडी में आया था। इनका सैंपल पॉजिटिव आया है। भोगीवाली मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश निवासी 26 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति 26 जून को एम्स आए थे। 28 तारीख तक वह सीमा डेंटल कॉलेज में क्वारंटाइन रहे। जिसके बाद वह मुजफ्फरनगर चले गए थे। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसकी सूचना सीएमओ मुजफ्फरनगर (यूपी) को दी गई है।
कोरोना के लिहाज से रविवार का दिन उत्तराखंड के लिए राहतभरा रहा। जितने नए मामले आए, उसके तीन गुना से अधिक मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो गए। इन्हें मिलाकर प्रदेश में स्वस्थ हुए मरीजों का आंकड़ा दो हजार पार पहुंच गया है। यह संख्या कुल मरीजों की 71.48 फीसद है।
प्रदेश में अब तक कोरोना के 2823 मामले आ चुके हैं। इनमें 2018 स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 749 एक्टिव केस हैं, जबकि 18 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं। कोरोना संक्रमित 38 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत रविवार को हुई है। उसे बुखार, डायरिया व सांस की भी दिक्कत थी। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को 1006 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है। जिनमें 974 रिपोर्ट निगेटिव व 32 की पॉजिटिव आईं। 106 मरीजों को अस्तपाल से छुट्टी भी मिली। इनमें नैनीताल से 34, टिहरी से 32, पौड़ी से 14, रुद्रप्रयाग से सात, चमोली से पांच, देहरादून, ऊधमसिंहनगर व हरिद्वार से चार-चार और अल्मोड़ा से दो लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं।
कोरोना संक्रमण के नए सर्वाधिक 14 मामले नैनीताल जिले से हैं। जिनमें सात पूर्व में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोग हैं, जबकि अन्य सात लोग दिल्ली से लौटे हैं। देहरादून में 10 नए मामले आए हैं। इनमें एम्स ऋषिकेश की इमरजेंसी की एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर व आइटीबीपी का एक जवान शामिल है। जूनियर रेजिडेंट डाक्टर 26 जून को डायरिया की शिकायत पर अस्पताल आई थी, यहां उनका कोरोना सैंपल लिया गया, रविवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
इसके अलावा एम्स में भर्ती विकासनगर निवासी कैंसर पीड़ित महिला, श्यामपुर निवासी युवक, रुड़की निवासी एक महिला और हरिद्वार व रुड़की निवासी मरीजों के अटेंडेंट संक्रमित मिले हैं। वहीं कुछ दिन पहले रक्तदान करने एम्स पहुंचे रेशम माजरी, डोईवाला निवासी एक व्यक्ति और ओपीडी में आए रुड़की निवासी व्यक्ति में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। एक अन्य मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री अभी पता नहीं लग पाई है। टिहरी में कोरोना संक्रमित मिले चार लोग मुंबई से लौटे हैं। जबकि चमोली में संत कबीरनगर उप्र से लौटे दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रुद्रप्रयाग में मुंबई व चंपावत में उन्नाव से लौटे एक व्यक्ति में कोरोना की पुष्टि हुई है।
कोरोना संक्रमित मरीज की मौत
नैनीताल जिले में एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई है। मरीज का नीलकंठ अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसके चलते एहतियात के तौर पर अस्पताल को कंटेंनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। सभी की रिपोर्ट आने तक अस्पताल में सभी तरह की सेवाएं बंद रहेंगी। साथ ही, अस्पताल के एमडी डॉ. गौरव सिंघल समेत 18 कर्मचारियों को होटल में क्वारंटाइन किया गया है।
28 दिन के भीतर 1916 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे
पिछले एक माह से ऐसा कोई दिन नहीं जबकि मैदान से लेकर पहाड़ तक कोई नया मरीज न मिला हो। पर कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत यह कि रिकवरी रेट में भी सुधार हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में मरीजों का रिकवरी रेट बढ़कर 71.48 फीसद के लगभग हो गया है, जो कि देश की तुलना में बेहतर है। देश में फिलवक्त तकरीबन 59 फीसद रिकवरी रेट है। खास बात यह कि 31 मई तक स्वस्थ हुए मरीजों का आंकड़ा महज 102 था। जून अंत तक यह दो हजार पार पहुंच गया है।
नयी डिस्चार्ज पॉलिसी अमल में आने के बाद पिछले 28 दिन के भीतर 1916 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर चले गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विभिन्न अस्पतालों व कोविड केयर सेंटरों में जो मरीज भर्ती हैं उनमें भी ज्यादातर बिना लक्षण या कम लक्षण वाले हैं। खास बात यह कि संक्रमित मरीजों में से चुनिंदा ही ऐसे हैं जिन्हें वेंटीलेटर आदि की जरूरत पड़ रही है।
मैदान के मुकाबले पहाड़ में रिकवरी रेट बेहतर
उत्तराखंड में मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले पहाड़ों में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट तेजी से सुधर रहा है। प्रदेश के नौ पर्वतीय जिलों में करीब 77 फीसद रिकवरी रेट है। जबकि चार मैदानी जिलों में यह 68 फीसद है। ऐसे में एक वक्त पर चिंता का सबब बन रहे पर्वतीय जिलों में स्थिति अब नियंत्रण में आती दिख रही है।
सतपाल महाराज और उनके स्वजनों ने कोरोना को हराया
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उनकी पत्नी पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत समेत सभी स्वजनों ने कोरोना को मात दे दी है। महाराज दंपती, उनके दोनों पुत्र, पुत्रवधुओं व पोते की लगातार तीसरी कोरोना जांच रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। महाराज दंपती की होम क्वारंटाइन की अवधि भी रविवार रात को समाप्त हो जाएगी, जबकि उनके स्वजन पहले ही यह अवधि पूर्ण कर चुके हैं।
उधर, कैबिनेट मंत्री महाराज ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना के लिए सभी शुभचिंतकों के प्रति आभार जताया। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उनकी पत्नी पूर्व मंत्री अमृता रावत, दोनों पुत्र व पुत्रवधुएं और पोता कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। 31 मई को उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद महाराज और उनके स्वजनों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। 10 जून को महाराज के दोनों पुत्रों व पुत्रवधुओं और पोते को एम्स से छुट्टी दे दी गई थी। वे देहरादून स्थित घर पर होम क्वारंटाइन में थे। इसके बाद 16 जून को कोरोना के कोई लक्षण न आने पर चिकित्सकों ने महाराज और उनकी पत्नी को भी 14 दिन होम क्वारंटाइन की सलाह देकर अस्पताल से छुट्टी दे दी थी। वे भी घर पर होम क्वारंटाइन थे।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने रविवार को जागरण से बातचीत में बताया कि क्वारंटाइन अवधि में उनके अलावा सभी स्वजनों की निजी लैब में तय अवधि के भीतर कोरोना जांच कराई गई। तीसरी और आखिरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। उनकी और पूर्व मंत्री अमृता रावत की फाइनल जांच रिपोर्ट शनिवार को प्राप्त हो गई थी, जबकि अन्य स्वजनों की फाइनल जांच रिपोर्ट रविवार को मिली।
महाराज के अनुसार उनकी और पत्नी की क्वारंटाइन अवधि भी रविवार मध्य रात्रि खत्म हो जाएगी। कोरोना को मात देने के बाद कैबिनेट मंत्री महाराज और उनकी पत्नी अमृता रावत ने इस वैश्विक महामारी से शीघ्र मुक्ति की कामना की। उन्होंने लोगों से संयम व धैर्य बनाए रखने की अपील भी की।
आज से हिमालयन इंस्टीट्यूट में भी होंगे कोरोना टेस्ट
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जांच का दायरा भी हर अंतराल पर बढ़ता रहा है। अब इसमें और थोड़ी तेजी आएगी। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भी आज से कोरोना की जांच शुरू हो जाएगी। प्रदेश में यह पहला निजी मेडिकल कॉलेज है, जिसे कोरोना जांच की अनुमति मिली है।
प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। इस बीच हर अंतराल पर कोरोना के मामले बढ़े और जांच का दायरा भी। शुरुआती दौर में जहां हर दिन औसतन पंद्रह सैंपल की जांच हो पा रही थी, यह संख्या अब डेढ़ हजार सैंपल प्रतिदिन तक पहुंच गई है। अभी पांच सरकारी व एक निजी लैब में कोरोना की जांच की जा रही थी। इसके अलावा चमोली, टिहरी, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, उत्तरकाशी, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में ट्रूनेट मशीन पर भी जांच की जा रही है।
कुछ सैंपल चंडीगढ़ स्थित सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान और कुछ एनसीडीसी नई दिल्ली भी भेजे जा रहे हैं। जांच का यह दायरा अब और भी बढऩे जा रहा है। हिमालयन इंस्टीट्यूट को आइसीएमआर से जांच की अनुमति मिल गई है। यहां सोमवार से जांच शुरू कर दी जाएगी। एसआरएचयू के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने वायरोलॉजी लैब की नोडल अधिकारी डॉ. आरती कोतवाल व उनकी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। डॉ. कोतवाल ने बताया कि एनएबीएल लैब प्रमाणिकरण के बाद यह मंजूरी मिली है। लैब में दो पीसीआर मशीन लगाई गई हैं।