चीन को झटका देने बाद अन्य देशों की कंपनियों की बढ़ी दिलचस्पी, हरियाणा में निवेश के लिए जापानी कंपनियां आगे आई
हरियाणा में चीन की कंपनियों को एक के बाद एक झटका दिए जाने के बाद अन्य देशों की कंपनियों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। इनमें जापानी कंपनियां सबसे आगे हैं। वैसे पहले भी जापानी कंपनियों की हरियाणा मेें निवेश और कंपनियां हैं। लेकिन, नए हालत मेंं पैदा अवसर का फायदा उठाने को जापान कंपनियां आगे आ रही हैं। वे हरियाणा में निवेश बढ़ाएंगी और नई औद्योगिक इकाइयों लगाने की पूरी तैयारी कर रही हैं। इससे हरियाणा में रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होंगे।
हरियाणा में निवेश को लेकर जापानी कंपनियां लॉकडाउन के बाद से खूब दिलचस्पी दिखा रही हैं। ‘भारत के उत्तरी राज्यों में निवेश’ विषय पर आयोजित वेबिनार में कई जापानी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हरियाणा में नई औद्योगिक इकाइयां लगाने और पहले से चल रही कंपनियों के विस्तार पर सहमति जताई। हरियाणा सरकार ने विदेशी कंपनियों को राज्य में नई इकाइयां लगाने के लिए जमीन सहित सभी सुविधाएं देने को राजी है।
राष्ट्रीय स्तर पर कंपनियों की उच्चतम विकास दर 5.26 फीसद, हरियाणा में 15.6 प्रतिशत
वेबिनार में हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने बताया कि भारत में पंजीकृत जापानी कंपनियों की संख्या 2006 में 267 थी जो 2018 में बढ़कर 1441 हो गई है। इन कंपनियों में 393 कंपनियां हरियाणा से संबंधित हैं। इस तरह देश में निवेश करने वाली 27 फीसद जापानी कंपनियों ने हरियाणा में उद्योग लगाए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर जहां कंपनियों की उच्चतम विकास दर 5.26 फीसद है, वहीं प्रदेश में यह 15.6 प्रतिशत है।
एचएसआइआइडीसी के प्रबंध निदेशक ने कहा कि आइएमटी सोहना और आइएमटी खरखौदा में चार हजार से अधिक प्लाट दिए जाएंगे। इन औद्योगिक प्लाटों के लिए आइएमटी मानेसर में 1500 एकड़ भूमि व खरखौदा में तीन हजार एकड़ जमीन ली गई है।
उन्होंने कहा कि एचएसआइआइडीसी ने 1100 विकसित प्लॉटों के साथ 34 औद्योगिक एस्टेट विकसित किए हैं। आइएमटी फरीदाबाद, आइएमटी बावल, आइएमटी माणकपुर, आइई पानीपत और उद्योग विहार गुरुग्राम में 450 वर्ग मीटर से लेकर चार हजार वर्ग मीटर तक के प्लाट उपलब्ध हैं।
बता दें कि हरियाणा में चीनी कंनपनियों से एक के बाद एक प्रोजेक्ट छिन रहे हैं। इससे चीन को काफी झटका लगा है। इसका फायदा भारतीय इकाइयों को होने के साथ ही जापान और दक्षिण कोरिया की कंपनियों को हो रहा है। पिछले दिनों गुरुग्राम जिले के सोहना में लिथियम बैटरी बनाने की फैक्टरी लगाने का प्रोजेक्ट वापस ले लिया गया था। यह फैक्टरी चीन की कंपनी एटीएल लगाने वाली थी। अब यह फैक्टरी जापानी कंपनी जेपीएल लगाएगी। जेपीएल ने इस प्राजेक्ट को चीनी कंपनी से ओवरटेक कर लिया है।