अमेरिका में जल्द होगा फाइजर की वैक्सीन का इस्तेमाल, एक्सपर्ट पैनल ने दिया ग्रीन सिग्नल, FDA की मंजूरी का है इंतजार
दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है. दुनिया में कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. इस बीच अमेरिका में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए फाइजर की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है और एक्सपर्ट पैनल ने इसकी मंजूरी के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है.
अमेरिकी सरकार की एक सलाहकार समिति ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की अनुशंसा की है. अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) की वैक्सीन एडं रिलेटेड बायोलॉजिकल प्रॉडेक्ट्स एडवायजरी कमेटी (वीआरबीपीएसी) में फाइजर और जर्मनी की उसकी सहयोगी बायोएनटेक के वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी देने के पक्ष में मतदान किया है.
पक्ष में पड़े इतने वोट
इस दौरान फाइजर और बायोएनटेक के वैक्सीन के पक्ष में 17 वोट पड़े. वहीं विपक्ष में चार वोट डाले गए और एक सदस्य गैरहाजिर था. समिति के सदस्य पॉल ऑफिट के मुताबिक वैक्सीन से फायदा नजर आ रहा है. हालांकि दूसरी ओर इसके कुछ खतरे भी हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का फायदा पहुंचाने की क्षमता उसके खतरों को कम करती है. इसके अलावा अन्य विशेषज्ञ ओफर लेवी ने भी इस वैक्सीन की तारीफ की. उन्होंने कहा कि यह मील का एक बड़ा पत्थर साबित होने वाला है.
एफडीए से औपचारिक मंजूरी मिलने का इंतजार
वहीं फिलहाल इस वैक्सीन को एफडीए से औपचारिक मंजूरी मिलने का इंतजार है. सलाहकार समिति की सिफारिशों को एफडीए अनिवार्य रूप से मानने के लिए बाध्य नहीं हैं. वहीं इस वैक्सीन पर फैसला एफडीए अगले हफ्ते तक ले सकती है. बता दें कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन को ब्रिटेन और कनाडा में मंजूरी दी जा चुकी है.
उम्मीद की एक किरण
वहीं सलाहकार समिति की ओर से मिली सहमति पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन मुश्किल वक्त में उम्मीद की एक किरण हैं. इस वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के आभारी हैं, जिन्होंने राजनीतिक प्रभाव में आए बगैर इस वैक्सीन की क्षमता और सुरक्षा का मूल्यांकन किया.