फिल्म जगत के जाने-माने अभिनेता सतीश शाह के निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर है। अपनी कॉमिक टाइमिंग और गर्मजोशी भरे स्वभाव से लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले सतीश शाह अब इस दुनिया में नहीं रहे। 25 अक्तूबर को 74 वर्ष की आयु में उन्होंने मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ महीनों से वो किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे और करीब तीन महीने पहले उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और भारतीय सिनेमा ने अपनी हास्य कला के सबसे उजले सितारों में से एक को खो दिया।
अमिताभ बच्चन ने जताया दुख
सतीश शाह के जाने से न केवल उनके चाहने वाले बल्कि इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार भी गहरे दुख में हैं। अमिताभ बच्चन, जिन्होंने सतीश शाह के साथ फिल्म भूतनाथ में काम किया था, ने अपने ब्लॉग पर एक भावुक पोस्ट लिखी। उन्होंने लिखा कि, ‘हर दिन एक नई सुबह, एक नया काम और एक और साथी हमसे विदा हो गया… सतीश शाह, एक उम्दा प्रतिभा, बहुत जल्दी चले गए।” उन्होंने आगे लिखा, ‘इन दिनों की यह उदासी सामान्य नहीं है, लेकिन ज़िंदगी तो आगे बढ़ती है, और शो भी चलता रहता है।’
सतीश शाह का अभिनय
सतीश शाह का जन्म वर्ष 1951 में हुआ था और उनका फिल्मी सफर करीब पांच दशकों से भी अधिक लंबा रहा। उन्होंने अपने अभिनय से यह साबित किया कि हंसी सिर्फ मजाक नहीं, बल्कि एक कला है, जिसे निभाने के लिए दिल की सच्चाई और चेहरे की मासूमियत चाहिए। उनकी सबसे यादगार भूमिका रही ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ के इंद्रवदन साराभाई की। उनका व्यंग्य, संवादों का सहज प्रवाह और रत्ना पाठक शाह और रूपाली गांगुली के साथ अद्भुत तालमेल ने इस शो को भारतीय टेलीविजन का क्लासिक बना दिया। यह किरदार आज भी दर्शकों की यादों में जिंदा है।
सतीश शाह का फिल्मी सफर
सतीश शाह का फिल्मी सफर बेहद रंगीन और बहुआयामी रहा। 1983 की ‘जाने भी दो यारो’ जैसी कल्ट फिल्म में उन्होंने अपने हास्य अभिनय की मिसाल पेश की। इसके बाद ‘ये जो है ज़िंदगी’ जैसे टीवी शो और ‘कल हो ना हो’, ‘मैं हूं ना’, ‘फना’ और ‘ओम शांति ओम’ जैसी फिल्मों में उनके किरदारों ने उन्हें हर पीढ़ी के दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाया। वह सिर्फ कॉमेडियन नहीं थे, बल्कि एक ऐसा अभिनेता जो हर सीन में अपनी उपस्थिति को यादगार बना देते थे।
