संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले शुरू हुआ पारंपरिक ईंधन के इस्तेमाल का विरोध
ब्रिटेन में स्काटलैंड के ग्लासगोव आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले पारंपरिक ईंधन के इस्तेमाल का विरोध शुरू हो गया है। लंदन के प्रमुख व्यावसायिक केंद्र में प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को मार्च भी निकाला। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को काप-26 नाम दिया गया है। एक और दो नवंबर को ग्लास्गो में यह सम्मेलन होना है। नेताओं के पहुंचने से पहले ही प्रदर्शनकारी पहुंचने लगे हैं।
विरोध प्रदर्शन में स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हुईं हैं। जलवायु सुरक्षा की वकालत करने वाले पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यह दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों के लिए यह सम्मेलन आखिरी मौका है, जिसमें वह जलवायु परिवर्तन की विभीषिका को रोक सकते हैं। लंदन के प्रमुख बाजार लायड में क्लाइमेट जस्टिस मेमोरियल के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पारंपरिक यानी जैव ईंधन के इस्तेमाल में वैश्विक संस्थाएं निवेश बंद करें। प्रदर्शनकारियों ने लंदन में कई संस्थाओं के सामने मार्च भी निकाला।
कई पर्यावरणविद् 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन को जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध संघर्ष की दिशा को बदलने के लिए दुनिया का आखिरी मौका बता रहे हैं। लंदन में कार्यकर्ता सुबह लॉयड्स के बीमा बाजार स्थल के बाहर क्लाइमेट जस्टिस मेमोरियल पर जुटे। उन्होंने वहां लाल फूल चढाये और वहां लिखा था ‘ उठिये, याद कीजिए और विरोध कीजिए।’’
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली जीवाश्म ईंधन में निवेश करना बंद करे। उनके द्वारा लंदन में विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाने की संभावना है। इंटरनेशनल बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड उनके प्रदर्शन का मुख्य स्थल होने वाला है। बाद में वे बैंक ऑफ इंग्लैंड भी जायेंगे। ब्रिटिश बैंक लायड्स और बार्कले जाने की भी उनकी योजना है। लंदन में यह प्रदर्शन उस वैश्विक प्रदर्शन का हिस्सा है जो नेताओं के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए ग्लास्गो में जुटने से पहले किया जा रहा है।