रूस का S-400 डिफेंस सिस्टम 2025 तक भारतीय वायु सेना को किया जाएगा वितरित….
रूस का S-400 डिफेंस सिस्टम 2025 तक भारतीय वायु सेना को वितरित किया जाएगा। मिशन के उप प्रमुख बाबूसकिन ने शुक्रवार को कहा कि 2025 तक सभी एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को भारत में वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एस-400 मिसाइलों का उत्पादन भारत में किया जाना शुरू हो गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस-भारतीय-चीन त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए 22 मार्च और 23 मार्च को रूस जाएंगे। बता दें कि एस-400, एस-300 का उन्नत संस्करण है, जो पहले केवल रूसी रक्षा बलों के लिए उपलब्ध था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर डील हुई थी। इसके तहत रूस करीब 5 अरब डॉलर यानी 40 हज़ार करोड़ रुपए में S-400 डिफेंस सिस्टम की पांच रेजिमेंट्स भारत को बेचेगा। यह डिफेंस सिस्टम पहले भारत को 2020 में मिलना था, लेकिन अब यह सिस्टम् 2025 तक मिलेगा। भारतीय वायु सेना काफी मजबूत हो जाएगी। आइए जानते हैं कि क्या है एयर डिफेंस सिस्टम । यह कैसे काम करता है। इसे लेकर पाकिस्तान क्यों चिंतित है। बता दें कि रूस ने चीन को भी यह डिफेंस सिस्टम बेचा है, जो उसे 2018 हासिल हो गया है।
एयर डिफेंस सिस्टम कैसे करता है काम
- यह सिस्टम देश में होने वाले किसी भी संभावित हवाई हमले का पता लगाएगा। सिस्टम अत्याधुनिक रडारों से लैस है। उपग्रहों की जरिए यह दुश्मनों की तमाम जानकारी जुटाता है। इसके आधार पर यह बताया जा सकता है कि लड़ाकू विमान कहां से हमला कर सकते हैं।
- इसके अलावा यह एंटी-मिसाइल दागकर दुश्मन विमानों और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर सकता है। यह है कि 400 किमी के दायरे में आने वाले किसी भी खतरे को खत्म कर सकता है। फिर खतरा चाहे लड़ाकू विमान हो, ड्रोन हो या मिसाइल हो। यह सभी का लक्ष्य भेदने में सक्षम है।
- एस-400 के रडार 100 से 300 टारगेट ट्रैक कर सकते हैं। 600 किमी तक की रेंज में ट्रैकिंग कर सकता है। इसमें लगी मिसाइलें 30 किमी ऊंचाई और 400 किमी की दूरी में किसी भी टारगेट को भेद सकती हैं। ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है।
- सबसे तगड़ी चीज़ यह कि एक ही समय में यह 400 किमी तक 36 टारगेट को एक साथ मार सकती है। इसमें 12 लॉन्चर होते हैं, यह तीन मिसाइल एक साथ दाग सकता है और इसे तैनात करने में पांच मिनट लगते हैं।
- इसमें चार तरह की मिसाइल होती हैं। एक मिसाइल 400 किमी की रेंज वाली होती है, दूसरी 250 किमी, तीसरी 120 और चौथी 40 किमी की रेंज वाली होती है।
भारत को इसका क्या फायदा होगा
भारत की एयर फोर्स इस डिफेंस सिस्टम से लैस होगी, तो वह पाकिस्तान को बहुत पीछे छोड़ देगी। यह डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान की कम दूरी वाली परमाणु मिसाइलों को गिरा सकता है। भारत की चीन से लगती हुई सीमा 4000 किमी लंबी है, जिसकी सुरक्षा में सिस्टम से मदद मिलेगी। इस सिस्टम के बूते चीन बॉर्डर पर तिब्बत और पाकिस्तान बॉर्डर पर अफगानिस्तान की थाह ली जा सकती है।